
राहुल गांधी से मिले आदिवासी समाज के प्रतिनिधि, बोले- RSS का दिया 'वनवासी' नाम स्वीकार नहीं
क्या है खबर?
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्या जानी और जल-जंगल, जमीन के मुद्दे पर चर्चा की। इस दौरान आदिवासी नेताओं ने बताया कि उनकी जमीनों को उद्योगपतियों को दिया जा रहा है और उनकी कोई सुनवाई नहीं है। प्रतिनिधियों ने बातचीत के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) का नाम लेकर कहा कि वह आदिवासियों को वनवासी करके हमारे अधिकारों को समाप्त करना चाहते हैं और हिंदुत्व की ओर मोड़ना चाहते हैं।
समस्या
आदिवासियों के लिए एक कानूनी प्रकोष्ठ बनाने की मांग
मुलाकात के एक आदिवासी महिला प्रतिनिधि ने राहुल गांधी से कहा कि जब से डिजिटकलीकरण शुरू हुआ है, तब से आदिवासियों के अधिकार लगातार छीने जा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बिना उनकी मर्जी के जमीन किसी और के नाम हो जा रही है और आदिवासियों को पता ही नहीं चल रहा है। कोर्ट के विषय में भी आदिवासी कुछ नहीं जानते हैं। उन्होंने राहुल से मांग की कि आदिवासियों की मदद के लिए एक कानूनी प्रकोष्ठ बनना चाहिए।
समस्या
वन अधिकार की समिति में एक भी आदिवासी नहीं
प्रतिनिधियों ने राहुल को बताया कि वन अधिकार अधिनियम के तहत एक समिति बननी है, जिसमें 100 प्रतिशत आदिवासियों को रखना है, लेकिन कहीं जगह नहीं है। इस समिति को निर्णय लेने की अधिकार है, जिसको कलेक्टर भी अनदेखा नहीं कर सकते, लेकिन इसको झारखंड, ओडिशा, महाराष्ट्र कहीं भी लागू नहीं किया गया है। प्रतिनिधियों ने कहा कि RSS आदिवासियों को वनवासी, वनांचल कहकर हिंदुत्व की ओर ले जा रही है और इसके वजूद को समाप्त कर रही है।
ट्विटर पोस्ट
राहुल गांधी की आदिवासी प्रतिनिधियों के साथ बैठक
नेता विपक्ष श्री @RahulGandhi ने आदिवासी समाज के प्रतिनिधियों से मुलाकात कर उनकी समस्याओं पर चर्चा की।
— Congress (@INCIndia) June 27, 2025
जल, जंगल, ज़मीन के साथ ही संवैधानिक अधिकारों के लिए उनका संघर्ष लगातार जारी है। चाहे सामाजिक अन्याय हो या डिजिटलीकरण से ज़मीन छीनना, देश के आदिवासी त्रस्त हैं।
हम आदिवासी वर्ग… pic.twitter.com/YNece3M8Pa