राहुल गांधी का चुनाव आयोग पर हमला, कहा- सांठगांठ से कर रहा नतीजों को प्रभावित
क्या है खबर?
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मंगलवार को लोकसभा में चुनाव सुधारों पर चर्चा के दौरान भाजपा और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर तीखा बोला। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी की हत्या के बाद से भाजपा और RSS देश के सभी संस्थानों पर कब्जा करना चाहती है। RSS समानता में विश्वास की जगह पदानुक्रम में विश्वास करता है। उनके इस आरोप के बाद लोकसभा में सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जमकर हंगामा किया। इससे राहुल को भाषण रोकना पड़ा।
आरोप
राहुल ने कैसे साधा RSS पर निशाना?
राहुल ने RSS पर समानता के मूलभूत सिद्धांत को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कहा, "RSS पदानुक्रम में निहित विश्वदृष्टि का समर्थन करता है। वह समानता में विश्वास नहीं करता है। वह मानता है कि उन्हें उसमें सबसे ऊपर होना चाहिए।" उन्हाेंने कहा, "महात्मा गांधी की हत्या के बाद अगला कदम भारत की संस्थाओं पर पूरी तरह से कब्जा करना था। लोकतंत्र के प्रमुख स्तंभों को धीरे-धीरे प्रभावित किया गया या उन पर कब्जा कर लिया गया।"
फैब्रिक
देश भी फैब्रिक की तरह है- राहुल
राहुल ने कहा, "आपको पता है महात्मा गांधी खादी क्यों पहनते थे? खादी सिर्फ वस्त्र नहीं है, यह भारत की आत्मा है। हर क्षेत्र की पहचान अलग-अलग कपड़ों के लिए है। हमारा देश भी एक फैब्रिक की तरह है। देश की झलक देश का पहनावा है। देश के सारे धागे एक जैसे हैं।" इसके बाद जैसे ही उन्होंने RSS पर हमला बोला तो सदन में हंगामा शुरू हो गया। सत्ता पक्ष ने उन पर विषय से हटने का आरोप लगाया।
आपत्ति
रिजिजू ने राहुल के भाषण पर जताई आपत्ति
राहुल गांधी के RSS पर आरोप लगाने के बाद संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने उन्हें टोक दिया। उन्होंने कहा, "यह चर्चा चुनाव सुधारों पर हो रही है, लेकिन राहुल ने उस पर एक शब्द नहीं बोला है। वह विषय से भटक रहे हैं।" लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने राहुल से कहा कि वह चुनाव सुधार पर ही बोल सकते हैं। किसी संगठन का नाम लेना सदन की कार्यवाही का हिस्सा नहीं है और रिकॉर्ड पर नहीं लिया जाएगा।
जानकारी
राहुल ने व्यवधान का किया विरोध
हंगामे के बीच राहुल ने कहा, "अगर, मुझे बोलने नहीं दिया गया तो मैं विरोध करूंगा। मुझे पता है विषय चुनाव सुधार का है। वोट चोरी का है। मैं अपने भाषण को फ्रेम कर रहा हूं। मुझे बोलने से रोकना पूरी तरह से गलत है।"
हमला
राहुल ने चुनाव आयोग पर भी बोला हमला
राहुल ने चुनाव आयोग पर चुनावी नतीजों को प्रभावित करने के लिए सत्ता में बैठे लोगों से मिलकर काम करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "मैंने सबूत दिए हैं कि कैसे आयोग चुनावों को प्रभावित करने के लिए सत्ता में बैठे लोगों के साथ सांठगांठ कर रहा है। कुलपति की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं, एक संगठन से जुड़ाव के आधार पर की गई है। भाजपा लोकतंत्र को नुकसान पहुंचाने के लिए चुनाव आयोग का इस्तेमाल कर रही है।"
आरोप
राहुल ने लगाए ये गंभीर आरोप
राहुल ने कहा, "सरकार ने चुनाव आयुक्तों की चयन प्रक्रिया बदलाव करते हुए मुख्य न्यायाधीश को उसमें से हटा दिया। इससे सत्तारूढ़ दल को अनुचित लाभ मिल गया। अगर समिति में केवल प्रधानमंत्री और गृह मंत्री ही रहेंगे तो उनकी आवाज की क्या कीमत रह जाएगी। क्यों प्रधानमंत्री और गृह मंत्री अपनी पसंद के चुनाव आयुक्त को चाहते हैं। CCTV वाला कानून क्यों बदला गया है। ये चुनाव चुराने का खेल है, डाटा का नहीं है।"
अभियान
"भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के लिए चलाती है चुनाव अभियान"
राहुल ने आरोप लगाया, "भाजपा प्रधानमंत्री मोदी के लिए चुनाव अभियान तैयार करती है और उसे चलाती है। उसके पास चुनाव अभियानों का एक सेट है।" उन्होंने हरियाणा में वोट चोरी का आरोप लगाते हुए कहा, "मतदाता सूची में एक ब्राजीलियन महिला की फोटो 22 बार छपी है। बिहार में SIR के बाद 1.22 लाख नकली फोटो छपी हैं। ऐसे कैसे हुआ। मैं दावे से कह रहा हूं कि हरियाणा के साथ महाराष्ट्र में भी वोट चोरी हुई है।"
सवाल
राहुल ने किए 3 अहम सवाल
राहुल ने आरोपों के बीच सरकार से 3 अहम सवाल किए। उन्होंने पूछा चुनाव आयोग की स्वायत्तता क्यों कमजोर की जा रही है और क्या सरकार इसकी स्वतंत्रता सुनिश्चित करने वाली व्यवस्थाएं बहाल करेगी? उन्होंने पूछा कि विभिन्न राज्यों से प्राप्त शिकायतों के बीच SIR प्रक्रिया के दौरान मतदाता सूची में हेराफेरी को रोकने के लिए क्या सुरक्षा उपाय किए गए हैं? तीसरा सवाल था, क्यों चुनाव आयोग की नियुक्तियां और निर्णय राजनीतिक हितों से अधिकाधिक जुड़े प्रतीत होते हैं?
दावा
वोट चोरी से बड़ा कोई राष्ट्र विरोधी कृत्य नहीं- राहुल
राहुल ने भाजपा और उसके समर्थकों पर पलटवार करते हुए कहा, "वोट चोरी से बड़ा कोई राष्ट्र विरोधी कृत्य नहीं है, जो कांग्रेस और उनके लिए नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं।" उन्होंने कहा, "चुनाव आयोग ने मुझे यह नहीं बताया कि SIR के बाद भी लाखों की संख्या में नकली मतदाता क्यों हैं। आयोग के पास इन सवालों का कोई जवाब नहीं है। यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार ने संस्था पर कब्जा कर लिया है।"