पद रहे या ना रहे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ खड़ा रहूंगा- नवजोत सिद्धू
पंजाब कांग्रेस में जारी सियासी घमासान के बीच प्रदेशाध्यक्ष पद से इस्तीफा देने वाले नवजोत सिंह सिद्धू के शनिवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के प्रति वफादारी दिखाने वाला बयान दिया है। उन्होंने कहा कि उनके पास कोई पद रहे या ना रहे, वह राहुल और प्रियंका गांधी के साथ हमेशा खड़े रहेंगे। बता दें कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने सिद्धू से मिलकर उन्हें मनाने की कोशिश भी की है।
सिद्धू ने 28 सितंबर को दिया था इस्तीफा
नवजोत सिंह सिद्धू ने 28 सितंबर को पंजाब कांग्रेस प्रमुख पद से इस्तीफा दिया था। सोनिया गांधी को भेजे पत्र में उन्होंने लिखा, 'किसी के चरित्र के पतन की शुरुआत समझौते से होती है। मैं पंजाब के भविष्य और पंजाब के कल्याण के एजेंडे से कभी समझौता नहीं कर सकता। इसलिए मैं पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देता हूं। कांग्रेस की सेवा करता रहूंगा।' उन्हें जुलाई में पंजाब कांग्रेस की कमान सौंपी गई थी।
सिद्धू के बाद कई और नेताओं ने भी दिया था इस्तीफा
सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद रजिया सुल्ताना और परगट सिंह ने भी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया था। दोनों नेताओं ने हाल ही में कैबिनेट मंत्री की शपथ ली थी। इसी तरह पंजाब काग्रेस के कोषाध्यक्ष गुलजार इंदर चहल, महासचिव योगिंदर ढींगरा और महासचिव (प्रभारी प्रशिक्षण) गौतम सेठ ने भी अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इससे कांग्रेस खेमे में हलचल मच गई थी और सिद्धू को मनाने का दौर शुरू हो गया।
कांग्रेस आलाकमान ने दिए थे मामले को सुझलाने के आदेश
सिद्धू के इस्तीफा देने के बाद हालातों को समझते हुए कांग्रेस आलाकमान ने उसे स्वीकार नहीं किया। इसके साथ ही स्थानीय नेतृत्व से मामला सुलझाने को कहा था। उसके बाद मुख्यमंत्री चन्नी ने बुधवार को सिद्धू से फोन पर बात की और उन्हें कहा कि अगर किसी मुद्दे पर मतभेद है तो वह आपस में बात करेंगे। उन्होंने मामले के समाधान के लिए प्रदेश कांग्रेस के नेताओं से एकजुट होकर बैठक कर मामले पर चर्चा करने को भी कहा था।
मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा- सिद्धू
इस्तीफा के बाद सिद्धू ने ट्विटर पर कहा, 'मैं सच्चाई के लिए लड़ता रहूंगा। मैं पंजाब से जुड़े मुद्दों के लिए लंबे समय तक लड़ता रहा, दागी नेताओं का इलाज किया। अब आप उसी प्रणाली को नहीं दोहरा सकते। मैं अपने सिद्धांतों पर कायम रहूंगा।'
मुख्यमंत्री चन्नी ने की थी सिद्धू से मुलाकात
मामले में मुख्यमंत्री चन्नी ने गुरुवार शाम को सिद्धू से मिलकर करीब दो घंटे तक चर्चा की थी। इसमें उन्होंने सिद्धू को पद पर बने रहने के लिए मनाने का प्रयास किया था। बैठक के बाद से कहा जा रहा है सिद्धू कांग्रेस अपने पद पर बने रह सकते हैं और पार्टी एक समन्वय समिति का गठन कर सकती है। पंजाब सरकार के भविष्य में लिए जाने वाले बड़े फैसलों पर इस समिति से विचार-विमर्श किए जाने की संभावना है।
सिद्धू ने ट्वीट कर किया वफादारी दिखाने का प्रयास
सिद्धू ने शनिवार को एक ट्वीट कर राहुल और प्रियंका गांधी के प्रति वफादारी दिखाने का प्रयास किया है। उन्होंने लिखा, 'गांधीजी और शास्त्री जी के सिद्धांतों का पालन करूंगा। पद रहे या ना रहे, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ हमेशा खड़ा रहूंगा। सभी नकारात्मक शक्तियों को मुझे हराने की कोशिश कर लेने दो, लेकिन सकारात्मक ऊर्जा के साथ पंजाब जीतेगा। पंजाबियत (वैश्विक भाईचारा) की जीत होगी और हर पंजाबी जीतेगा।'