भाजपा के वरिष्ठ नेता का सनसनीखेज दावा- कमलनाथ सरकार गिराने में प्रधानमंत्री ने निभाई अहम भूमिका
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने बुधवार को एक चौंकाने वाला दावा किया। इंदौर में एक सार्वजनिक सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश में कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार को गिराने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभाई थी। विजयवर्गीय के इस बयान को लपकते हुए कांग्रेस ने कहा है कि अब साफ हो गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ही संवैधानिक सरकारों को असंवैधानिक तरीके से गिराने वाले शख्स हैं।
क्या बोले विजयवर्गीय?
किसानों की सभा को संबोधित करते हुए विजयवर्गीय ने कहा, "आप किसी को बताना मत, मैंने आज तक किसी को नहीं बताया। पहली बार इस मंच से बता रहा हूं कि कमलनाथ जी की सरकार गिराने में यदि किसी की महत्वपूर्ण भूमिका थी तो नरेंद्र मोदी जी की थी, धर्मेंद्र प्रधान जी की नहीं।" जिस सभा में विजयवर्गीय ने ये बात कही, वहां केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान और मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा भी मौजूद थे।
सुनें क्या बोले विजयवर्गीय
शिवराज चौहान ने भी कहा था- केंद्रीय नेतृत्व ने बनाई थी योजना
इससे पहले जून में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा था कि भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने कांग्रेस की सरकार को गिराने की योजना बनाई थी। हालांकि उन्होंने किसी बड़े नेता का नाम नहीं लिया था।
कांग्रेस ने साधा प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना
विजयवर्गीय के इस बयान को लपकते हुए कांग्रेस ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधा है। मध्य प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा, "अब यह स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री मोदी ही हैं जो संवैधानिक रूप से चुनी हुई सरकारों को असंवैधानिक तरीके से गिराते हैं। कांग्रेस शुरू से ही यह कह रही है, लेकिन भाजपा कमलनाथ सरकार के गिरने के लिए कांग्रेस के आंतरिक झगड़े को जिम्मेदार ठहरा रही है। अब कैलाश विजयवर्गीय ने सच्ची बात स्पष्ट कर दी है।"
ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद मार्च में गिरी थी कांग्रेस की सरकार
ज्योतिरादित्य सिंधिया की बगावत के बाद इसी साल मार्च में मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सरकार गिर गई थी। उनकी बगावत के बाद उनके खेमे के 22 विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था और इससे कांग्रेस सरकार अल्पमत में आ गई थी। इसके बाद कमलनाथ ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था और शिवराज सिंह ने 23 मार्च को चौथी बार मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
भाजपा में शामिल हो गए थे सिंधिया और उनके खेमे के सभी विधायक
कांग्रेस से इस बगावत के बाद सिंधिया और उनके खेमे के सभी विधायक भाजपा में शामिल हो गए थे। सिंधिया भाजपा की टिकट पर राज्यसभा चुनाव जीतकर राज्यसभा पहुंच गए हैं, वहीं उनके खेमे के अधिकतर विधायकों को भाजपा ने पिछले महीने हुए विधानसभा उपचुनाव में टिकट दी। 28 सीटों पर हुए इस उपचुनाव में भाजपा ने 19 सीटों पर कब्जा किया और अब राज्य में उसकी सरकार पूरी तरह सुरक्षित है।