PMO के ट्विटर हैंडल से सपा पर हमले पर सियासत गर्म, विपक्ष ने प्रधानमंत्री को घेरा
समाजवादी पार्टी पर निशाना साधने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय के आधिकारिक ट्विटर हैंडल का उपयोग करने पर सियासत गर्म हो गई है। विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को घेरते हुए कहा है कि यह एक सरकारी हैंडल है और इसका राजनीतिक ट्वीट्स के लिए इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है। सपा के साथ-साथ आम आदमी पार्टी (AAP) और तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने भी मामले में प्रधानमंत्री पर सवाल खड़े किए हैं।
क्या है पूरा मामला?
प्रधानमंत्री मोदी ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में हुई रैली में सपा पर निशाना साधते हुए कहा था कि लाप टोपी वाले घोटालों, अपनी तिजोरी भरने, आतंकियों पर मेहरबानी दिखाने और उन्हें जेल से छुड़ाने के लिए सत्ता में आना चाहते है, इसलिए लाल टोपी उत्तर प्रदेश के लिए रेड अलर्ट यानि खतरे की घंटी हैं। उनके इस भाषण को प्रधानमंत्री कार्यालय के ट्विटर हैंडल से भी ट्वीट किया गया था और इसी पर विवाद खड़ा हुआ है।
अखिलेश बोले- वादे पूरे नहीं कर सके इसलिए भाषा बिगाड़ रहे प्रधानमंत्री
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने मामले में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री अपनी भाषा बिगाड़ रहे हैं क्योंकि उन्होंने अपने वादे पूरे नहीं किए और इसी कारण उन्हें अपनी भाषा बदलनी पड़ी है। लाल टोपी पहन कर बयान देते हुए उन्होंने कहा, "लाल रंग क्रांति का प्रतीक है, लाल रंग बदलाव का प्रतीक है। वो जानते हैं इस बार उत्तर प्रदेश में बदलाव होने जा रहा है। ये लोग भावनाएं नहीं समझ सकते।"
घबराए हुए हैं प्रधानमंत्री- जया बच्चन
सपा की राज्यसभा सांसद जया बच्चन ने भी मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि प्रधानमंत्री घबराए हुए हैं, इसलिए कुछ भी बोल रहे हैं। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में भाजपा के लिए रेड अलर्ट है और यहां लाल टोपी आने वाली है।
AAP सांसद संजय सिंह बोले- मोदी खुद काली टोपी लगाते हैं
AAP के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी मामले में प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा, "खुद मोदी जी काली टोपी लगाते हैं, उनकी पार्टी काली टोपी लगाती है, उनकी मातृ संस्था भी काली टोपी लगाती है। यह काली टोपी लगाने वाले काले दिमाग के साथ काला कानून लाते हैं। मुझे हैरानी नहीं होगी अगर वह लाल किला का नाम बदलकर काला किला कर दें। क्या वह 15 अगस्त को काला किले पर झंडा फहराएंगे?"
TMC और RJD सांसदों ने भी उठाए सवाल
TMC सांसद महुआ मोइत्रा ने मामले पर ट्वीट करते हुए कहा, 'प्रधानमंत्री कार्यालय करदाताओं के पैसे से चलता है और इसमें IAS अधिकारी काम करते हैं। PMO के हैंडल से राजनीतिक लाल टोपी ट्वीट्स कैसे किए जा सकते हैं? क्या सभी के दिमाग भगवा सॉस में तल दिए गए हैं?' राष्ट्रीय जनता दल (RJD) सांसद मनोज झा ने कहा कि ये कार्य प्रधानमंत्री के पद की मर्यादा के अनुरूप नहीं है।
पहले भी PMO के आधिकारिक हैंडल से होते रहे हैं राजनीतिक ट्वीट
बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब PMO के ट्विटर हैंडल से राजनीतिक बयान ट्वीट किए गए हैं। उत्तर प्रदेश में प्रधानमंत्री मोदी की चुनावी रैलियां शुरू होने के बाद ऐसे मामलों में इजाफा हुआ है और कई बार PMO के आधिकारिक हैंडल से राजनीतिक विरोधियों पर निशाना साधा गया है। हालांकि मौजूदा मामले पर इसलिए ज्यादा हंगामा हो रहा है क्योंकि इसकी भाषा ज्यादा कठोर और अनुचित है।