भाजपा के संसदीय बोर्ड से बाहर किए गए नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान
क्या है खबर?
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को भाजपा के संसदीय बोर्ड से बाहर कर दिया गया है।
पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति का पुनर्गठन किया है और गडकरी और शिवराज का नाम इन दोनों में ही शामिल नहीं है।
संसदीय बोर्ड भाजपा का सबसे शक्तिशाली बोर्ड या समिति है और सारे अहम फैसले इसके जरिए ही लिए जाते हैं।
गडकरी
गडकरी को बाहर किया जाना चौंकाने वाला
यूं तो नेताओं को अक्सर संसदीय बोर्ड से बाहर और अंदर किया जाता है, लेकिन नितिन गडकरी को इससे बाहर किया जाना थोड़ा हैरान करने वाला है।
नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के वरिष्ठतम मंत्रियों में शामिल गडकरी भाजपा के अध्यक्ष रह चुके हैं और पार्टी आम तौर पर अपने पूर्व अध्यक्षों को संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति जैसी शक्तिशाली समितियों में रखती है।
गडकरी को मोदी सरकार के सबसे स्वतंत्र मंत्रियों में गिना जाता है।
नए नाम
नाराज चल रहे नेताओं को संसदीय बोर्ड में शामिल कर मनाने की कोशिश
संसदीय बोर्ड में शामिल किए गए नए नामों की बात करें तो कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल को इसमें जगह दी गई है।
येदियुरप्पा को पिछले साल ही पार्टी ने मुख्यमंत्री पद त्यागने को मजबूर किया था और तभी से वह पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।
वहीं सोनोवाल भी पार्टी के निर्देश पर हेमंत बिस्वा सरमा को मुख्यमंत्री बनाने के लिए खुद पीछे हट गए थे।
जानकारी
संसदीय बोर्ड में और कौन-कौन शामिल?
अन्य नामों की बात करें तो सुधा यादव, इकबाल सिंह लालपुरा, के लक्ष्मण और सत्यनारायण जटिया को भी संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, जेपी नड्डा और बीएल संतोष भी इसमें शामिल हैं।
केंद्रीय चुनाव समिति
देवेंद्र फडणवीस की केंद्रीय चुनाव समिति में एंट्री
केंद्रीय चुनाव समिति की बात करें तो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को इसमें जगह दी गई है। फडणवीस शिवसेना के बागी नेता एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में अपनी इच्छा के विरुद्ध पार्टी के कहने पर उपमुख्यमंत्री बने हैं।
भूपेंद्र यादव और ओम माथुर चुनाव समिति में शामिल किए गए अन्य दो नए नाम हैं। श्रीमता वनथी श्रीनिवास को भी इसमें जगह मिली है।
बारी सारे नाम संसदीय बोर्ड वाले हैं।
सूत्र
विविधता पर जोर देता है फेरबदल- भाजपा
संसदीय बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति के इस पुनर्गठन पर बात करते हुए भाजपा के सूत्रों ने इंडिया टुडे से कहा कि ये फेरबदल विविधता पर जोर दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यहां सोनोवाल पूर्वोत्तर से आते हैं, वहीं एल लक्ष्मण और बीएस येदियुरप्पा दक्षिण से हैं, वहीं इकबाल सिंह लालपुर के तौर पर एक सिख को भी इनमें शामिल किया गया है।
हालांकि दोनों ही समितियों में एक भी मुस्लिम नहीं है।