महाराष्ट्र: राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे जेल में बंद नवाब मलिक और अनिल देशमुख
जेल में बंद महाराष्ट्र की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) पार्टी के दो विधायक, अनिल देशमुख और नवाब मलिक, कल होने वाले राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं डाल पाएंगे। आज इस संबंध में हुई एक अहम सुनवाई में मुंबई की एक कोर्ट ने यह फैसला सुनाया। यह राज्य की सत्ता पर काबिज महा विकास अघाड़ी गठबंधन के लिए एक बड़ा झटका है जो एक अतिरिक्त सीट जीतने के लिए पहले से ही वोटों की कमी का सामना कर रहा है।
वोट डालने के लिए दोनों नेताओं ने मांगी थी एक दिन की जमानत
मनी लॉन्ड्रिंग के अलग-अलग आरोपों में जेल में बंद नवाब मलिक और अनिल देशमुख ने मुंबई की स्पेशल कोर्ट में याचिका दायर कर राज्यसभा चुनाव में वोट डालने के लिए एक दिन की जमानत मांगी थी। उन्होंने कहा था कि वे चुने हुए विधायक हैं और राज्यसभा चुनाव में अपने निर्वाचन क्षेत्र के लोगों की तरफ से वोट डालने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं। हालांकि कोर्ट ने उनकी दलीलों को अस्वीकार कर दिया। वे हाई कोर्ट जा सकते हैं।
मलिक और देशमुख के वोट न डाल पाने से गठबंधन को होगा बड़ा नुकसान
मलिक और देशमुख को जमानत न देने का ये फैसला शिवसेना, कांग्रेस और NCP के महाविकास अघाड़ी गठबंधन के लिए बड़ा झटका है। राज्य में दो दशक से अधिक समय बाद राज्यसभा चुनाव में वोटिंग होने जा रही है और छह सीटों के लिए सात उम्मीदवार मैदान में हैं। आखिरी सीट के लिए शिवसेना और भाजपा के उम्मीदवारों में मुकाबला है और पहले से ही वोटों की कमी के बीच शिवसेना को अब दो अतिरिक्त वोट जुटाने होंगे।
महाराष्ट्र में अब क्या हैं समीकरण?
288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में सत्तारूढ़ महा विकास अघाड़ी गठबंधन के कुल 154 विधायक हैं। एक शिवसेना विधायक की मौत और नवाब और देशमुख के बाहर होने के बाद अब गठबंधन के पास कुल 151 वोट बचे हैं। मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के पास 106 विधायक हैं, वहीं अन्य पार्टियों और निर्दलीयों के कुल 28 विधायक हैं। एक राज्यसभा सीट को जीतने के लिए 42 वोट चाहिए, ऐसे में गठबंधन तीन और भाजपा दो सीट आराम से जीत जाएगी।
आखिरी सीट जीतने के लिए अब शिवसेना को पड़ेगी 17 अतिरिक्त वोटों की जरूरत
छठवीं सीट के लिए शिवसेना के संजय पवार और भाजपा के धनंजय महादिक के बीच मुकाबला है। शिवसेना को अपने उम्मीदवार को जिताने के लिए अब 17 अतिरिक्त वोट चाहिए होंगे। पहले उसे केवल 15 वोट चाहिए थे। अतिरिक्त वोट जुटाने के लिए छोटी पार्टियों और निर्दलीयों से संपर्क साधा गया है। वहीं भाजपा को आखिरी सीट जीतने के लिए 20 वोट चाहिए। उसे पहले से ही कुछ निर्दलीयों का समर्थन हासिल है, ऐसे में वह रेस में आगे है।