महाराष्ट्र: धार्मिक स्थलों को खोलने पर राज्यपाल और मुख्यमंत्री आमने-सामने
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों को खोलने को लेकर विवाद शुरू हो गया है।
भाजपा द्वारा प्रदेश में मंदिर खोलने के लिए की जा रही सांकेतिक भूख हड़ताल को लेकर राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर मंदिर को खोलने का अनुरोध किया था। इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के हिंदुत्व पर सवाल उठाया था।
इसको लेकर मुख्यमंत्री ठाकरे ने जवाब देते हुए लिखा है कि उनके हिंदुत्व के लिए उन्हें राज्यपाल के प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।
प्रकरण
क्या आप अचानक से सेक्युलर हो गए?- राज्यपाल कोश्यारी
राज्यपाल कोश्यारी ने मुख्यमंत्री ठाकरे को भेजे पत्र में मंदिरों को खोलने का अनुरोध करते हुए लिखा था, 'आप हिंदुत्व के बड़े तरफ़दार रहे हैं। आपने अयोध्या जाकर भगवान राम के लिए समर्पण जाहिर किया था। आपने पंढरपुर में विट्ठल रुक्मिणी मंदिर के दर्शन किए थे।'
उन्होंने लिखा, 'मैं समझना चाहता हूं कि क्या आपको धार्मिक स्थलों को दोबारा खोलने की प्रकिया को टालने के लिए कोई दिव्य संदेश मिल रहा है या फिर आप खुद सेकुलर बन चुके हैं?'
रेस्त्रां
बार और रेस्त्रां खोले, लेकिन मंदिर नहीं- राज्यपाल कोश्यारी
राज्यपाल कोश्यारी ने पत्र में लिखा, 'यह बड़ी विडंबनापूर्ण स्थिति है कि महाराष्ट्र सरकार ने बार और रेस्तरां को दोबारा से खोल दिया है, लेकिन धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने पर कोई कदम नहीं उठाया है।'
उन्होंने दिल्ली का उदाहरण देते हुए लिखा, 'राष्ट्रीय राजधानी में जून में धार्मिक स्थलों को फिर से खोल दिया गया है, लेकिन फिर भी इन स्थानों पर संक्रमण के मामलों में बढ़ोतरी नहीं हुई है। ऐसे में आपकों भी मंदिर खोलने चाहिए।'
जवाब
हिंदुत्व के लिए आपके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है- ठाकरे
राज्यपाल कोश्यारी के पत्र का जवाब देते हुए मुख्यमंत्री ठाकरे ने लिखा है, 'पत्र में मेरे हिंदुत्व का उल्लेख करना गलत है। हिंदुत्व के लिए मुझे आपके प्रमाण पत्र की जरूरत नहीं है।'
उन्होंने अभिनेत्री कंगना रनौत पर तंज कसते हुए आगे लिखा, 'मेरे राज्य की राजधानी को पाक अधिकृत कश्मीर कहने वालों को हंसते हुए घर में स्वागत करना मेरे हिंदुत्व में नही बैठता है। मंदिरों को दोबारा खोलने में देरी करना सेकुलरिज्म का सवाल नहीं है।'
विरोध
धार्मिक स्थलों को खोलने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर भाजपा
बता दें कि महाराष्ट्र में धार्मिक स्थलों और मंदिरों को खोलने की मांग को लेकर भाजपा के आध्यात्मिक प्रकोष्ठ ने मंगलवार को राज्यव्यापी भूख हड़ताल (अनशन) का निर्णय लिया है।
प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने पार्टी कार्यकर्ताओं को आंदोलन में सक्रिय रूप से शामिल होने का निर्देश दिया है। उन्होंने कहा कि संतों की भूमि महाराष्ट्र में मदिरालय शुरू हो गया है, लेकिन मंदिर सहित अन्य धार्मिक स्थल बंद हैं। ऐसे में वह इसका विरोध करेंगे।