
नागपुर हिंसा को लेकर संजय राउत बोले- हिंदुओं को डराने का तरीका, RSS-भाजपा का हाथ
क्या है खबर?
महाराष्ट्र में औरंगजेब विवाद के बीच नागपुर में सांप्रदायिक हिंसा होने पर शिवसेना (उद्धव ठाकरे) सांसद संजय राउत ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भाजपा पर निशाना साधा है।
उन्होंने मुंबई में पत्रकारों से कहा, "नागपुर में हिंसा होने का कोई कारण नहीं है। नागपुर RSS का गढ़ है, जिसका मुख्यालय वहां हैं। वहां मोहनभागवत जी बैठते हैं और प्रखर हिंदुत्व का कुनबा वहां है। वहां मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का चुनाव क्षेत्र है। वहां दंगे कौन कराएगा, किसकी हिम्मत है।"
निशाना
दंगों में भाजपा और RSS का हाथ- राउत
राउत ने आगे कहा, "देवेंद्र मुख्यमंत्री और गृह मंत्री हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष नागपुर से हैं और 4 मंत्री आसपास हैं। कोई हिम्मत कर सकता है? उनके ही लोग होंगे दंगा कराने वाले। ये नया पैटर्न है हिंदुओं को डराने का, हिंदुओं पर अपने ही लोगों से हमला कराने का, हिंदुओं को भड़काने का और दंगे में लाने का। औरंगजेब के नाम से ये डर और भय पैदा कर रहे हैं, महाराष्ट्र और देश को खत्म कर रहे हैं।"
बयान
औरंगाबाद के लिए कार सेवा की जरूरत नहीं- राउत
राउत ने मुख्यमंत्री फडणवीस को चुनौती देते हुए कहा कि अगर उनमें दम है तो दंगे करने वालों पर महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (MCOCA) के तहत कार्रवाई होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "महाराष्ट्र में कार सेवा की जरूरत नहीं है, जब हमनें बाबरी के लिए कार सेवा की थी, तब कांग्रेस की सरकार थी, आज नरेंद्र मोदी की सरकार है तो कार सेवा की जरूरत क्या है, एक आदेश निकालिए और कब्र तोड़ दीजिए, इतनी मशक्कत क्या करना।"
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, क्या बोले संजय राउत?
#WATCH | Mumbai | On Nagpur violence, Shiv Sena (UBT) leader Sanjay Raut says, "There is no reason for violence to occur in Nagpur. It is where RSS is headquartered. It is also Devendra ji's constituency. Who can have the courage to spread violence there? This is a new pattern to… pic.twitter.com/PkDCi2GSvV
— ANI (@ANI) March 18, 2025
हिंसा
कैसे शुरू हुई नागपुर हिंसा?
नागपुर के महाल में सोमवार सुबह मराठा प्रतीक छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा के सामने शिव जयंती कार्यक्रम था।
कार्यक्रम के बाद विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल के 50 कार्यकर्ताओं ने मौके पर औरंगाबाद में स्थित औरंगजेब की कब्र हटाने को लेकर प्रदर्शन शुरू किया।
इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने औरंगजेब की तस्वीर और घास से भरे हरे कपड़े को प्रतीकात्मक कब्र बताते हुए जलाया।
अफवाह उड़ी कि पवित्र पुस्तक जलाई गई, जिसके बाद देर शाम दंगा शुरू हुआ।