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महाराष्ट्र सरकार ने क्यों वापस लिया हिंदी को तीसरी भाषा बनाने का आदेश? यहां जानिए कारण
महाराष्ट्र सरकार ने हिंदी तीन भाषा नीति का आदेश वापस लिया (तस्वीर: एक्स/@CMOMaharashtra)

महाराष्ट्र सरकार ने क्यों वापस लिया हिंदी को तीसरी भाषा बनाने का आदेश? यहां जानिए कारण

लेखन गजेंद्र
Jun 30, 2025
10:48 am

क्या है खबर?

महाराष्ट्र में हिंदी को तीसरी भाषा बनाने को लेकर शुरू हुआ विवाद थम नहीं रहा है, जिसको देखते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की सरकार ने इसे रद्द कर दिया है। शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के गठबंधन वाली महायुति सरकार ने तीन भाषा नीति को 16 और 17 अप्रैल को आदेश जारी लागू किया गया था, जिसके तहत कक्षा 1 से 5 तक हिंदी अनिवार्य थी। आइए, जानते हैं सरकार ने इस आदेश को क्यों वापस लिया?

विवाद

पहले जानिए सरकार ने क्या जारी किया था आदेश

महाराष्ट्र सरकार ने 16 अप्रैल को पहला आदेश जारी किया, जिसमें अंग्रेजी-मराठी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1-5 तक के विद्यार्थियों के लिए हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में अनिवार्य किया गया। इसका विरोध हुआ तो, सरकार ने 17 जून को संशोधित आदेश जारी किया, जिसमें छात्रों के लिए हिंदी सीखने की 'अनिवार्यता' को हटा दिया। इसके तहत हिंदी को मराठी-अंग्रेजी माध्यम के स्कूलों में कक्षा 1-5 तक के छात्रों को सिर्फ तीसरी भाषा के रूप में पढ़ाया जाएगा।

आदेश

सरकार ने आदेश वापस लेते हुए क्या कहा?

रविवार को मुख्यमंत्री फडणवीस ने उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजित पवार के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इस मुद्दे पर बात की और 17 अप्रैल को जारी संशोधित आदेश को भी रद्द करने की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद हमने तय किया है कि शिक्षाविद् डॉ नरेंद्र जाधव के नेतृत्व में एक समिति बनाई जाएगी जो यह तय करेगी कि किस मानक से कौन सी भाषा को लागू किया जाना चाहिए।

समिति

समिति क्या करेगी?

महाराष्ट्र सरकार द्वारा बनाई गई डॉ जाधव की अध्यक्षता वाली समिति तीन भाषा नीति के तहत छात्रों के लिए भाषा के चयन और क्रियान्वयन पर निर्णय लेगी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार अंतिम निर्णय लेगी। प्रेस कॉन्फ्रेंस में फडणवीस ने दावा किया कि हिंदी को तीसरी भाषा के रूप में पेश करने का फैसला पूर्व की उद्धव ठाकरे की सरकार ने डॉ रघुनाथ माशेलकर समिति की सिफारिशों के आधार पर लिया था।

विरोध

महाराष्ट्र में 30 जून से विधानसभा सत्र शुरू, सरकार के फैसले का विरोध

महाराष्ट्र में 30 जून सोमवार से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है, जिसे देखते हुए सरकार ने आनन-फानन में रविवार को 17 अप्रैल का आदेश रद्द कर दिया। इस मुद्दे पर विधानसभा में भारी विरोध की संभावना है। उधर, पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और उनके चचेरे भाई राज ठाकरे दोनों इस मुद्दे पर साथ हैं। उन्होंने सरकार पर हिंदी थोपने और मराठी अस्मिता को कम करने का आरोप लगाया है। दोनों 5 जुलाई को मुंबई में संयुक्त रैली निकालेंगे।