महाराष्ट्र: क्या शरद पवार की मर्जी से बनी थी भाजपा-NCP सरकार? फडणवीस अपने बयान पर कायम
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी (NCP) के साथ मिलकर 2019 में जो उन्होंने सरकार बनाई थी, उसे शरद पवार का समर्थन प्राप्त था और वह अपने बयान पर कायम है। फणडवीस ने कहा, "मैंने जो कुछ भी कहा था, वो 100 फीसद सच था और इसमें कोई झूठ नहीं था। मैं आज की विभिन्न व्याख्याओं के बारे में नहीं बोलूंगा। मैं इस पर सही समय पर बोलूंगा और वह समय अभी आया नहीं है।"
क्या था मामला?
बता दें, तीन साल पहले महाराष्ट्र में भाजपा ने शिवसेना के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ा था, जिसमें भाजपा ने 105 सीटों पर और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की थी। दोनों पार्टियां सरकार बनाने की स्थिति में थीं, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर दोनों पार्टियों में विवाद हो गया था। इसी विवाद में सबसे बड़ी पार्टी होने के बावजूद भाजपा को विपक्ष में बैठना पड़ा और शिवसेना ने NCP और कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बना ली।
तीन दिन चली थी देवेंद्र फडणवीस की सरकार
दरअसल, 23 नवंबर, 2019 को महाराष्ट्र की राजनीति में एक नाटकीय घटनाक्रम हुआ था। शिवसेना, कांग्रेस और NCP ने गठबंधन के लिए उद्धव ठाकरे को सर्वसम्मति से नेता चुने जाने के बीच तत्कालीन राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने अचानक फडणवीस को मुख्यमंत्री और NCP नेता अजित पवार को उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिला दी थी। NCP और भाजपा के गठबंधन से बनी यह सरकार तीन दिन चली और शरद ने उद्धव को समर्थन देने का ऐलान कर दिया।
फडणवीस का क्या है दावा?
महाराष्ट्र की राजनीति में हुए इस उलटफेर के बाद भाजपा को पीछे हटना पड़ा था और महाराष्ट्र में महाविकास अघाड़ी की सरकार बन गई। फडणवीस का दावा है कि जो भी हुआ था उसमें शरद की मंजूरी थी। उन्होंने कहा, "हमारे पास NCP की ओर से एक प्रस्ताव था कि उन्हें एक स्थिर सरकार की जरूरत है। हमने आगे बढ़ने और बातचीत करने का फैसला किया। शरद पवार के साथ बातचीत हुई और फिर चीजें बदल गईं।"
शरद ने फडणवीस के बयान पर क्या कहा?
NCP मुखिया शरद ने कहा था कि 2019 में पार्टी नेता उनके भतीजे अजीत और फडणवीस ने मिलकर जो सरकार बनाई थी, उन्हें इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी। उन्हें शिवसेना और कांग्रेस के साथ सरकार बनानी थी और उद्धव को गठबंधन का नेता चुना गया था। फडणवीस के दावे पर आपत्ति जताते हुए उन्होंने कहा, "मैं उनको सभ्य और समझदार आदमी समझता था, मैंने कभी नहीं सोचा था, वह झूठ का सहारा लेंगे।"