मध्य प्रदेश-केरल और छत्तीसगढ़ में SIR के बाद मतदाताओं की ड्राफ्ट सूची जारी, इतने नाम कटे
क्या है खबर?
चुनाव आयोग ने मध्य प्रदेश, केरल और छत्तीसगढ़ में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के बाद मंगलवार को ड्राफ्ट सूची जारी कर दी है। मध्य प्रदेश से 42.74 लाख नाम हटा दिए हैं, जिसमें 19.19 लाख पुरुष और 23.64 लाख महिला मतदाता शामिल हैं। छत्तीसगढ़ से 27 लाख और केरल से 24.08 लाख से अधिक मतदाताओं के नाम काटे गए हैं। इससे पहले पश्चिम बंगाल, राजस्थान, तमिलनाडु, गुजरात, गोवा, लक्षद्वीप और पुडुचेरी की ड्राफ्ट सूची जारी हुई है।
मतदाता सूची
भोपाल से काटे गए 4 लाख मतदाताओं के नाम
चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 8.40 लाख नामों की मैपिंग नहीं हो सकी। इसके अलावा 8 लाख से अधिक मृत पाए गए मतदाताओं, 2.50 लाख दो मतदाता पहचान पत्र वाले मतदाता और दूसरी जगह स्थानांतरित होने के कारण 22.50 लाख लोगों को मतदाता सूची से बाहर किया गया है। अकेले राजधानी भोपाल में 4 लाख, इंदौर में 4.4 लाख, ग्वालियर में 2.5 लाख और जबलपुर में 2.4 लाख मतदाताओं के नाम हटे हैं।
चुनाव
केरल से कितने नाम कटे?
केरल में 2.78 करोड़ मतदाता पंजीकृत हैं, जिसमें से2.54 करोड़ मतदाताओं से जनगणना प्रपत्र एकत्र किए गए थे। चुनाव आयोग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में 6.49 लाख मृत मतदाता, 14.61 मतदाता दूसरी जगह स्थानांतरित होने वाले और 1.39 लाख मतदाता एक से अधिक स्थानों पर नामांकित पाए गए हैं। अधिकारियों ने बताया कि मतदाता सूची के ड्राफ्ट में आपत्तियां, सुधार और नाम शामिल करने के अनुरोध 22 जनवरी, 2026 तक पेश किए जा सकते हैं।
सूची
छत्तीसगढ़ में 27 लाख से अधिक नाम काटे गए
छत्तीसगढ़ में कुल 2.12 लाख पंजीकृत मतदाता हैं, जिसमें से 1.84 मतदाताओं से जनगणना प्रपत्र एकत्र किए गए थे। चुनाव अधिकारियों ने बताया कि SIR की प्रक्रिया के बाद राज्य में 6.42 मृत मतदाता, 19.13 लाख स्थानांतरित मतदाता और 1.79 लाख मतदाता एक से अधिक स्थानों पर पंजीकृत पाए गए थे। इन सभी के नाम काट दिए गए हैं। ड्राफ्ट सूची में किसी प्रकार के दावे और आपत्तियों के साथ नए नाम 22 जनवरी तक स्वीकार किए जाएंगे।
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अभी तक 7 राज्यों से कितने मतदाताओं के नाम कटे?
चुनाव अधिकारियों का कहना है कि सभी राज्यों में ड्रा्फ्ट सूची को लेकर दावे और आपत्तियों के साथ शिकायतों की प्रक्रिया 24 दिसंबर से 22 जनवरी, 2026 तक जारी रहेगी। इसके बाद सभी शिकायतों का निपटारा होगा और अंतिम मतदाता सूची 21 फरवरी, 2026 को जारी कर दी जाएगी। बता दें कि पिछले 7 राज्यों में SIR के बाद 2.70 करोड़ से अधिक मतदाताओं के नाम काटे जा चुके हैं। अभी उत्तर प्रदेश की ड्राफ्ट सूची आना बाकी है।
सूची
सबसे अधिक नाम किस राज्य में कटे?
चुनाव आयोग की ओर से किए गए SIR प्रक्रिया के बाद सबसे अधिक मतदाताओं के नाम तमिलनाडु से काटे गए हैं, जिनकी संख्या 97 लाख है। इसके बाद गुजरात से 73 लाख, पश्चिम बंगाल से 58 लाख, राजस्थान से 44 लाख, मध्य प्रदेश से 42 लाख, छत्तीसगढ़ से 27 लाख और केरल से 24 लाख नाम काटे गए हैं। गोवा और पुडुचेरी से 1-1 लाख और लक्षद्वीप से 1,616 नाम काटे गए हैं।
उपाय
जिनका नाम कट गया, वे मतदाता क्या करें?
अगर मतदाता सूची से किसी का नाम कट गया है, तो वह फॉर्म-6 भरकर नाम जुड़वा सकते हैं। ये फॉर्म बूथ लेवल अधिकारी (BLO), तहसील, SDM कार्यालय, चुनाव आयोग कार्यालय या ऑनलाइन मिल जाएगा। फॉर्म में सभी जानकारियों को भरना होगा और आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, राशन कार्ड, बिजली का बिल, बैंक पासबुक, जन्म प्रमाण पत्र या 10वीं की मार्कशीट की फोटोकॉपी लगानी होगी। फॉर्म BLO के पास जमा होंगे। नए नाम जुड़वाने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
प्रक्रिया
क्या है SIR?
SIR एक तरह से नई मतदाता सूची बनाने की प्रक्रिया है, जिसमें काफी गहन तरीके से मतदाताओं की जानकारी इकट्ठा की जाती है। मतदाताओं की जानकारी के आधार पर मतदाता सूची को अपडेट किया जाता है। चुनाव आयोग SSR की प्रक्रिया करता रहता है, लेकिन SIR की प्रक्रिया काफी गहन है। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले ये प्रक्रिया शुरू हुई थी, जिसका काफी विरोध हुआ। अब चुनाव आयोग ने 12 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में इसे किया है।