मध्य प्रदेश: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेरोजगारी भत्ते को बताया बेमानी, बोले- काम सिखाएंगे
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बेरोजगारी भत्ते को बेमानी बताते हुए कहा कि इसके बदले युवाओं को काम सिखाया जाएगा और उसके पैसे दिए जाएंगे। 'मुख्यमंत्री सीखो-कमाओ योजना' पर उन्होंने कहा, "इसमें युवा काम सीखेंगे और भत्ता पाएंगे। इसे कैबिनेट ने मंजूरी दी है। इसका पोर्टल बन रहा है।" उन्होंने कहा, "यह क्रांतिकारी योजना है। चिड़िया बच्चों को पंख देती है, घोंसला नहीं देती। बेरोजगारी भत्ता बेमानी है। बच्चों को काम सिखाएं और पैसा दें।"
क्या है योजना?
मुख्यमंत्री ने बताया कि इस योजना में 12वीं से लेकर परास्नातक उत्तीर्ण युवा पंजीकरण करा सकते हैं। जिन प्रतिष्ठानों में युवा काम सीखेंगे, वहीं उनको रोजगार मिलेगा या वे अपना उद्यम खोल सकते हैं। उन्होंने बताया कि 7 जून से जिन प्रतिष्ठानों में ट्रेनिंग दी जाएगी, उनके पंजीकरण शुरू होंगे। 15 जून से अभ्यर्थियों के पंजीकरण होंगे। 15 जुलाई को प्लेसमेंट होगा। 31 जुलाई को प्रतिष्ठान, अभ्यर्थी और सरकार के बीच अनुबंध होगा। 1 अगस्त से युवा काम शुरू करेंगे।