कर्नाटक: पूर्व मुख्यमंत्री जगदीश शेट्टार की घर वापसी, कांग्रेस छोड़ फिर भाजपा में शामिल हुए
क्या है खबर?
कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री और लिंगायत समाज के बड़े नेता जगदीश शेट्टार की घर वापसी हो गई। गुरुवार को वह दोबारा से भाजपा में शामिल हो गए।
NDTV के मुताबिक, दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सहित वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात के बाद 68 वर्षीय शेट्टार ने यह ऐलान किया।
पार्टी मुख्यालय में कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और भूपेंद्र यादव ने उनको भाजपा में शामिल कराया। इस मौके पर केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखरन भी मौजूद रहे।
दल-बदल
कांग्रेस में सिर्फ 9 महीने रहे शेट्टार
भाजपा में शामिल होने पर शेट्टार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि 2024 में नरेंद्र मोदी फिर से प्रधानमंत्री बनेंगे, इसलिए वह भाजपा में शामिल हो रहे हैं।
शेट्टार ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से टिकट न मिलने के कारण पार्टी छोड़ दी थी और कांग्रेस में चले गए थे। कांग्रेस में वह 9 महीने रहे।
कांग्रेस ने उन्हें हुबली-धारवाड़ सेंट्रल विधानसभा क्षेत्र से उतारा था, लेकिन भाजपा के महेश तेंगिनाकाई से उन्हें बुरी शिकस्त मिली थी।
परिचय
6 बार विधायक रह चुके हैं शेट्टार
जुलाई, 2012 से मई, 2013 के बीच कर्नाटक के मुख्यमंत्री रहे शेट्टार 6 बार विधायक रह चुके हैं।
शेट्टार 1994 से 2008 के बीच हुबली ग्रामीण विधानसभा सीट से विधायक थे।
कई विभागों के मंत्री रहे शेट्टार 2008 से कल इस्तीफा देने तक हुबली-धारवाड़ मध्य के विधायक रहे।
गौरतलब है कि शेट्टार कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष रहने के साथ-साथ कर्नाटक विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और स्पीकर भी रह चुके हैं।
प्रभाव
लिंगायत समुदाय के बड़े नेता हैं शेट्टार
कर्नाटक के लिंगायत नेताओं में बीएस येदियुरप्पा के बाद शेट्टार का नाम सबसे आगे आता है और उनका कई सीटों पर प्रभाव है।
कर्नाटक की आबादी में लगभग 17 प्रतिशत लिंगायत हैं, ऐसे में उनकी वापसी से भाजपा को फायदा हो सकता है।
शेट्टार उन नेताओं में से हैं, जिन्होंने कर्नाटक में भाजपा को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
उत्तर कर्नाटक के जिस इलाके से शेट्टार आते हैं, उसे भाजपा का सबसे मजबूत गढ़ माना जाता है।
अहमियत
भाजपा के लिए क्यों अहम है कर्नाटक?
कर्नाटक दक्षिण भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है, जहां भाजपा मजबूत है। राज्य में कुल 28 लोकसभा सीटें हैं और भाजपा ने पिछले चुनाव में इनमें से 25 सीटें जीती थीं।
अगर भाजपा 2019 चुनाव के अपने शानदार प्रदर्शन को दोहराना चाहती है तो उसे कर्नाटक में फिर से अधिकतम सीटें जीतनी होंगी।
हालांकि, पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की जीत के बाद उसकी राह मुश्किल हुई है। ऐसे में शेट्टार का जुड़ना उसकी मदद कर सकता है।