कमलनाथ का आरोप, मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनाने के लिए की गई लॉकडाउन में देरी
क्या है खबर?
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने रविवार को आरोप लगाया कि राज्य में भाजपा की सरकार बनने देने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन का ऐलान करने में देरी की।
उन्होंने कहा कि अगर सरकार ने ठीक समय पर लॉकडाउन का ऐलान किया होता तो आज राज्य में ये स्थिति नहीं होती।
बता दें कि मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 532 मामले सामने आ चुके हैं, वहीं 36 लोगों की मौत हुई है।
पृष्ठभूमि
क्या है पूरा घटनाक्रम?
पिछले महीने 22 कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे के बाद कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार अल्पमत में चली गई थी।
सुप्रीम कोर्ट ने कमलनाथ को 20 मार्च को विधानसभा में बहुमत साबित करने को कहा था लेकिन उससे पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
उनके इस्तीफे के बाद भाजपा ने सरकार बनाने का दावा किया और 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली।
24 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय लॉकडाउन का ऐलान किया।
आरोप
शिवराज के शपथ लेने के बाद की गई लॉकडाउन की घोषणा- कमलनाथ
अब कमनाथ ने इन सभी घटनाक्रम को जोड़ते हुए कहा है कि मध्य प्रदेश में भाजपा सरकार बनने देने के लिए केंद्र सरकार ने लॉकडाउन में देरी की।
उन्होंने कहा, "मैंने 20 मार्च को इस्तीफा दे दिया था लेकिन लॉकडाउन का ऐलान 23 मार्च को शिवराज सिंह चौहान के शपथ लेने के बाद ही किया गया... राहुल गांधी ने फरवरी में ही कह दिया था कि कोरोना वायरस एक बड़ी समस्या बनेगा लेकिन केंद्र सरकार ने तब कुछ नहीं किया।"
आरोप
"कांग्रेस की सरकार गिराने के लिए नहीं की गई संसद स्थगित"
विधानसभा स्थगित करने पर कमलनाथ ने कहा, "जब हमारे स्पीकर ने कहा कि वह कोरोना वायरस के कारण विधानसभा स्थगित कर रहे हैं तो उनका मजाक उड़ाया गया। देखिए उसके बाद क्या हुआ। पूरे देश में लॉकडाउन किया गया।"
उन्होंने आगे कहा, "कोरोना वायरस के कारण कई राज्यों की विधानसभाओं को स्थगित किया गया, लेकिन संसद चलती रही ताकि मध्य प्रदेश में हमारी सरकार गिरना सुनिश्चित किया जा सके। ये स्पष्ट था।"
बयान
कमलनाथ ने बताया, मुख्यमंत्री रहते उन्होंने कोरोना को रोकने के लिए क्या किया
कमलनाथ ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री रहते हुए कोरोना वायरस फैलने से रोकने के लिए कई कदम उठाए। उन्होंने कहा, "हमने आठ मार्च को ही स्कूल, शॉपिंग मॉल्स आदि बंद करने का आदेश दे दिया था... हमने मामले की गंभीरता को देखते हुए कदम उठाए।"
टेस्टिंग पर सवाल
कमलनाथ का आरोप, गांवों में नहीं हो रही टेस्टिंग
टेस्टिंग प्रक्रिया पर सवाल उठाते हुए कमलनाथ ने कहा कि सिर्फ शहरी क्षेत्रों में ही टेस्टिंग हो रही है और ग्रामीण इलाकों में टेस्टिंग नहीं हो रही।
उन्होंने कहा, "मध्य प्रदेश की सीमा पांच राज्य से लगती है और राज्य की 25-30 प्रतिशत आबादी ( मजदूर) वापस आई है और गांवों में रह रही है। उनकी टेस्टिंग नहीं की जा रही है क्योंकि टेस्टिंग किट का अभाव है। इन लोगों का क्या? ये एक खतरा है।"
निशाना
ताली और थाली पीटने से पीछा नहीं छोड़ेगा संकट- कमलनाथ
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए कमलनाथ ने कहा कि केवल ताली और थाली पीटने से ये संकट पीछा नहीं छोड़ेगा और केंद्र सरकार ने देरी से टेस्टिंग किट का ऑर्डर किया जिसका खामिायाजा भारत को भुगतना पड़ सकता है।
उन्होंने ऐसे समय पर वेंटीलेटर और फेस मास्क निर्यात करने पर भी सवाल उठाए।
वहीं मध्य प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि अभी राज्य में कोई कैबिनेट नहीं है और ये जनता का मजाक बनाना है।