लोकसभा चुनाव 2019 में 17 सीटों के बदले NDA छोड़ने वाली थी JDU- प्रशांत किशोर
क्या है खबर?
पूर्व चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार के गोपालगंज में 'जन सुराज अभियान' के दौरान बड़ा खुलासा किया है।
उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमला बोलते हुए कहा कि 2019 के लोकसभा चुनावों से पहले उन्होंने जनता दल यूनाइटेड (JDU) को 17 सीट दिलाने का ऑफर दिया था। उस दौरान यह तय किया गया था कि JDU चुनाव के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) का साथ छोड़ देगी, लेकिन उन्होंने ऐसा न करते हुए धोखा किया था।
बयान
प्रशांत ने क्या दिया बयान?
प्रशांत ने गोपालगंज में पत्रकारों से कहा, "2019 के लोकसभा चुनावों में हमने नीतीश को 17 सीटों का ऑफर दिया था। जब सीटों का आवंटन किया गया था तो यह तय किया गया था कि JDU चुनाव के बाद NDA का साथ छोड़ देगी।"
उन्होंने कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दूसरी बार प्रधानमंत्री बनने पर नीतीश ने NDA से बाहर निकलने से इनकार कर दिया था। उन्होंने भाजपा की प्रचंड जीत को देखते हुए अपना इरादा बदल दिया था।"
बयान
नीतीश ने NDA ने छोड़ने के लिए क्या दिया था तर्क?
प्रशांत ने कहा, "भाजपा की जीत के बाद नीतीश ने कहा कि अभी लग रहा है मोदीजी की हवा चल रही है। ऐसे में अभी थोड़े दिन और भाजपा के साथ रुका जाना चाहिए। यह उनका हमारे साथ सबसे बड़ा धोखा था।"
धोखा
नीतीश ने तीन बार दिया लोगों को धोखा- प्रशांत
प्रशांत ने मुख्यमंत्री नीतीश पर हमला बोलते हुए कहा, "नीतीश ने तीन-तीन बार लोगों के साथ धोखा किया है। पहली बार साल 2015 में वह छोड़कर भाग गए थे। दूसरी बार 2019 में निर्णय के बाद वह अपने वादे से मुकर गए और NDA को नहीं छोड़ा। इसी तरह तीसरी बार CAA-NRC को लेकर किया। पार्टी में तय हुआ था कि वह इसके विरोध करेंगे, लेकिन नीतीश ने संसद में जाकर मोदीजी के पक्ष में वोट डाल दिया।"
हालात
जाति और धर्म के नाम पर दिए जाते हैं वोट- प्रशांत
प्रशांत ने कहा कि यदि लोग अपने बच्चों की चिंता नहीं करेंगे तो दुनिया में कोई भी चिंता नहीं करेगा। जनता पूरे पांच साल शिक्षा और बेरोजगारी पर बात करती है, लेकिन मतदान के दिन सब भूल जाती है।
उन्होंने कहा कि वोट केवल जाति और धर्म के नाम पर दिए जाते हैं। यही कारण है कि चुनाव से पहले जिस नेता को गालियां दी जाती है, चुनाव के दिन सबकुछ भूलकर उसे ही वोट दिया जाता है।
निशाना
प्रशांत ने तेजस्वी पर भी साधा निशाना
प्रशांत ने तेजस्वी यादव पर भी निशाना साधते हुए कहा कि लालू यादव के बेटे ने 10वीं पास नहीं की है, लेकिन इसके बाद उन्हें उसकी चिंता है। वह चाहते हैं कि उनका बेटा मुख्यमंत्री बने।
उन्होंने कहा कि उन्हें इससे दिक्कत नहीं है, लेकिन परेशानी इस बात से है कि आपके बच्चों को 10वीं या स्नातक पास करने के बाद भी चपरासी तक की नौकरी नहीं मिल रही है। ऐसे में लोगों को अपने बच्चों के लिए सोचना चाहिए।
गठबंधन
प्रशांत ने बताया कि नीतीश ने क्यों किया तेजस्वी यादव से गठबंधन
इससे पहले 27 जनवरी को प्रशांत ने दावा किया था कि नीतीश ने तेजस्वी यादव को अपना साथी इसलिए बनाया है कि उन्हें पता है कि वह 2025 में मुख्यमंत्री नहीं बनेंगे। वह चाहते थे कि बिहार की स्थिति और खराब हो और तब लोग सोचेंगे कि नीतीश ही बेहतर है फिर लोग उन्हें चुनेंगे।
उन्होंने कहा कि नीतीश अपनी कुर्सी को बचाए रखना चाहते हैं। ऐसे में वह नहीं चाहते हैं कि उनसे बेहतर कोई भी सत्ता में आए।
अभियान
'जन सुराज अभियान' चला रहे हैं प्रशांत
बता दें कि भाजपा, कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस समेत कई पार्टियों के साथ बतौर चुनावी रणनीतिकार काम कर चुके प्रशांत अब राजनीति में उतर आए हैं।
उन्होंने 'जन सुराज अभियान' की शुरुआत की है और वो बिहार के अलग-अलग हिस्सों में जाकर लोगों से मिल रहे हैं। मई में उन्होंने कहा था कि उनका पहला काम बिहार की मिट्टी और यहां के मुद्दों को समझने वालों को एक मंच पर लाकर खड़ा करना होगा।