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क्या प्रियंका बनाम राहुल गांधी संकट की ओर बढ़ रही है कांग्रेस? शिवकुमार का अहम बयान 
कांग्रेस में उठी राहुल गांधी की जगह प्रियंका गांधी को केंद्रीय भूमिका में लाने की मांग

क्या प्रियंका बनाम राहुल गांधी संकट की ओर बढ़ रही है कांग्रेस? शिवकुमार का अहम बयान 

Dec 24, 2025
04:09 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में लगातार चुनावी हार के बाद कांग्रेस में फिर प्रियंका गांधी के लिए राष्ट्रीय नेतृत्व की भूमिका की चर्चा उठ पड़ी है। यह चर्चा अब पार्टी में प्रियंका के लिए महत्वपूर्ण केंद्रीय भूमिका की मांग में बदल रही है, क्योंकि प्रियंका एक बेहतर रणनीतिकार से एक कुशल राजनीतिज्ञ है। क्या यह मांग प्रियंका के अपने भाई और विपक्ष के नेता राहुल गांधी में अविश्वास का संकेत है? आइए जानते हैं कांग्रेस में यह मांग कैसे उठी।

शुरुआत

कैसे उठी प्रियंका की केंद्रीय भूमिका की मांग?

प्रियंका की केंद्रीय भूमिका की मांग की शुरुआत ओडिशा के 60 वर्षीय वरिष्ठ विधायक मोहम्मद मोकिम ने की। उन्होंने सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए और प्रियंका गांधी को अधिक भूमिका देने का सुझाव दिया। उन्होंने विधायक होने के बावजूद लगभग 3 वर्षों तक राहुल गांधी से न मिल पाने का भी मद्दा उठाया। हालांकि, इस पत्र के एक सप्ताह बाद ही मोकिम को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया गया।

समर्थन

कांग्रेस सांसद ने भी किया मोकिम का समर्थन

कांग्रेस के एक और नेता सहारनपुर सांसद इमरान मसूद ने भी मंगलवार को मोकिम की की मांग का समर्थन किया। मसूद ने तो यहां तक कह दिया कि वायनाड सांसद इंदिरा गांधी की तरह एक बेहतरीन प्रधानमंत्री साबित हो सकती हैं। प्रियंका के करीबी माने जाने वाले सांसद मसूद ने ये टिप्पणी तब की जब उनसे कांग्रेस महासचिव द्वारा अशांतिग्रस्त बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा पर की गई हालिया टिप्पणी के बारे में पूछा गया।

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बयान

मसूद ने क्या दिया बयान?

मसूद ने समाचार एजेंसी ANI से कहा, "क्या प्रियंका गांधी प्रधानमंत्री बनेंगी? उन्हें प्रधानमंत्री बनाइए और देखिए कि वे इंदिरा गांधी की तरह क्या प्रतिक्रिया देती हैं। वे प्रियंका गांधी हैं, नाम से गांधी, इंदिरा गांधी की पोती, जिन्होंने पाकिस्तान को ऐसा आघात पहुंचाया कि उसके घाव आज भी मौजूद हैं। उन्हें प्रधानमंत्री बनाइए और देखिए कि वे क्या जवाब देती हैं। आप ऐसा करने की हिम्मत नहीं करेंगे।" उनकी इस टिप्पणी ने कांग्रेस में हलचल मचा दी।

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स्पष्टीकरण

मसूद को कुछ ही घंटों बाद जारी करना पड़ा स्पष्टीकरण

मसूद को अपनी टिप्पणी के कुछ ही घंटों बाद कांग्रेस कमेटी के दबाव के चलते स्पष्टीकरण जारी करना पड़ा। उन्होंने बाद में जारी एक बयान में कहा, "प्रियंका को लेकर की गई उनकी टिप्पणी का राहुल गांधी से कोई लेना-देना नहीं है, जो हमारे नेता हैं। वे प्रियंका गांधी के भी नेता हैं।" भाजपा ने कांग्रेस में उभर रही इस दरार का तुरंत फायदा उठाते हुए कहा कि मसूद की बयानबाजी राहुल गांधी में पार्टी के अविश्वास का संकेत है।

प्रतिक्रिया

भाजपा ने मामले पर क्या दी प्रतिक्रिया?

मसूद की टिप्पणी पर भाजपा प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने एक्स पर लिखा, 'इमरान मसूद ने साफ कह दिया है कि उन्हें अब राहुल गांधी पर भरोसा नहीं रहा। राहुल हटाओ, प्रियंका गांधी लाओ। अब वो प्रियंका गांधी को प्रधानमंत्री बनाने की दिशा में काम करना चाहते हैं। इसका मतलब है कि राहुल ने न सिर्फ जनता का वोट खोया है, बल्कि उनके सहयोगियों ने भी उन्हें नकार दिया है। अब जनपथ में भी समस्या खड़ी होती दिख रही है।'

समर्थन

रॉबर्ट वाड्रा ने भी किया प्रियंका का समर्थन 

प्रियंका के पति रॉबर्ट वाड्रा ने भी उनका समर्थन किया है। उन्होंने PTI से कहा, "मुझे लगता है कि प्रियंका ने अपनी दादी (इंदिरा गांधी), पिता (राजीव गांधी), सोनिया गांधी और राहुल गांधी से बहुत कुछ सीखा है। जब वह बोलती हैं, तो दिल से बोलती हैं। मुझे लगता है कि राजनीति में उनका उज्ज्वल भविष्य है और जमीनी स्तर पर जो बदलाव जरूरी हैं, उन्हें लाने में उनका भविष्य उज्ज्वल है। समय के साथ ऐसा होगा, यह निश्चित है।"

खारिज

डीके शिवकुमार ने सभी अटकलों को किया खारिज

इस मामले के उभरने के बाद कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता डीके शिवकुमार ने अहम बयान दिया है। उन्होंने दिल्ली में मीडिया से कहा, "मुझे इन मुद्दों की जानकारी नहीं है। मेरे नेता अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष हैं और विपक्ष के नेता राहुल गांधी हैं। प्रियंका गांधी का एकमात्र मकसद राहुल गांधी को इस देश का प्रधानमंत्री बनाना है। राहुल ही मेरे और हमारी पार्टी के लाखों कार्यकर्ताओं के नेता होंगे।"

असर

प्रियंका ने संसद में बिखेरी चमक

प्रियंका के समर्थन में आवाजें उस समय और भी मजबूत हो गई हैं जब उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र में अपने भाषणों से सबका ध्यान खींचा। उन्होंने वंदे मातरम पर बहस और मनरेगा को बदलने के लिए लाए गए VB-जी राम जी विधेयक का विरोध करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला। शीतकालीन सत्र में राहुल-प्रियंका दोनों ने भाषण दिए, लेकिन प्रियंका के भाषण ने सुर्खियां बटोरीं और सोशल मीडिया पर उनके वीडियो वायरल हो रहे हैं।

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