
हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट टैक्स पर मुख्यमंत्री सुक्खू का जवाब, कहा- ऐसा कोई टैक्स नहीं
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश के घरों में शौचालय सीटों की संख्या के आधार पर टैक्स वसूलने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई दी है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य में ऐसा कोई "टॉयलेट टैक्स" नहीं है।
सुक्खू ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कभी हिंदू-मुस्लिम और कभी सीवर की बात करते हैं।
उन्होंने टॉयलेट टैक्स पर कहा कि ऐसी कोई टैक्स नहीं है। राजनीति न करके चीजों को समझकर बात करनी चाहिए।
बयान
आगे क्या बोले सुक्खू?
सुक्खू ने कहा, "भाजपा ने चुनाव से पहले 5,000 करोड़ रुपये की रेवडियां बांटी थी, जिसमें उन्होंने मुफ्त पानी मीटर लगाने की बात करते कहा था कि कोई बिल नहीं लेंगे। हमने पानी के लिए प्रति परिवार 100 रुपये की बिल लेने का बात कही है, उसमें ताज और ओबेराॅय जैसे 5 सितारा होटल भी शामिल है, जिनसे बिल लिया जा रहा था, जो टैक्स देने की क्षमता रखते हैं। शौचालय टैक्स जैसी कोई चीज नहीं।"
ट्विटर पोस्ट
सुनिए, क्या बोले सुक्खू
Delhi: Himachal Pradesh Chief Minister Sukhvinder Singh Sukhu says, "Before the elections, the BJP held a rally in Himachal Pradesh where they promised free water meters, saying there would be no charge for water consumption. We proposed a subsidy of ₹100 per family for water,… pic.twitter.com/9UxK0MvJAu
— IANS (@ians_india) October 4, 2024
विवाद
कहां से शुरू हुआ यह टॉयलेट टैक्स का विवाद?
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 21 नवंबर को अधिसूचना जारी कर कहा कि सीवरेज लाइन वाले शहरी इलाकों के जिन घरों ने सीवरेज कनेक्शन है, उन घरों से प्रति टॉयलेट सीट के हिसाब से 25-25 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा, जो सीवरेज बिल में शामिल होगा।
आदेश पर खूब किरकिरी हुई और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को घेरा।
विवाद बढ़ने के बाद प्रदेश के जल शक्ति विभाग ने आदेश वापस ले लिया।