हिमाचल प्रदेश में टॉयलेट टैक्स पर मुख्यमंत्री सुक्खू का जवाब, कहा- ऐसा कोई टैक्स नहीं
हिमाचल प्रदेश के घरों में शौचालय सीटों की संख्या के आधार पर टैक्स वसूलने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने सफाई दी है। उन्होंने शुक्रवार को कहा कि राज्य में ऐसा कोई "टॉयलेट टैक्स" नहीं है। सुक्खू ने कहा कि हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा कभी हिंदू-मुस्लिम और कभी सीवर की बात करते हैं। उन्होंने टॉयलेट टैक्स पर कहा कि ऐसी कोई टैक्स नहीं है। राजनीति न करके चीजों को समझकर बात करनी चाहिए।
आगे क्या बोले सुक्खू?
सुक्खू ने कहा, "भाजपा ने चुनाव से पहले 5,000 करोड़ रुपये की रेवडियां बांटी थी, जिसमें उन्होंने मुफ्त पानी मीटर लगाने की बात करते कहा था कि कोई बिल नहीं लेंगे। हमने पानी के लिए प्रति परिवार 100 रुपये की बिल लेने का बात कही है, उसमें ताज और ओबेराॅय जैसे 5 सितारा होटल भी शामिल है, जिनसे बिल लिया जा रहा था, जो टैक्स देने की क्षमता रखते हैं। शौचालय टैक्स जैसी कोई चीज नहीं।"
सुनिए, क्या बोले सुक्खू
कहां से शुरू हुआ यह टॉयलेट टैक्स का विवाद?
हिमाचल प्रदेश की सरकार ने 21 नवंबर को अधिसूचना जारी कर कहा कि सीवरेज लाइन वाले शहरी इलाकों के जिन घरों ने सीवरेज कनेक्शन है, उन घरों से प्रति टॉयलेट सीट के हिसाब से 25-25 रुपये अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा, जो सीवरेज बिल में शामिल होगा। आदेश पर खूब किरकिरी हुई और केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत कई भाजपा नेताओं ने कांग्रेस सरकार को घेरा। विवाद बढ़ने के बाद प्रदेश के जल शक्ति विभाग ने आदेश वापस ले लिया।