हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव: सभी 68 सीटों पर मतदान जारी, 8 दिसंबर को आएंगे नतीजे
हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए मतदान जारी है। राज्य की सभी 68 विधानसभा सीटों पर आज एक साथ मतदान हो रहा है और 8 दिसंबर को चुनावों के नतीजे घोषित किए जाएंगे। राज्य में इस बार भाजपा और कांग्रेस के अलावा आम आदमी पार्टी (AAP) भी मैदान में उतरी है। इतिहास की बात की जाए तो पिछले चार दशकों में यहां सत्ता में रही पार्टी बाहर होती है और विपक्षी दल की सरकार बनती आई है।
चुनावी मैदान में हैं 412 उम्मीदवार
हिमाचल के 55 लाख मतदाता चुनावी मैदान में उतरे 412 उम्मीदवारों के सियासी भविष्य का फैसला करेंगे। इन उम्मीदवारों में से महिलाओं की संख्या महज 24 है। पार्टियों के हिसाब से बात की जाए तो भाजपा और कांग्रेस ने सभी 68 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं, वहीं AAP 67 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। इनके अलावा बसपा, राष्ट्रीय देवभूमि पार्टी, हिंदू समाज पार्टी, स्वाभिमान पार्टी, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी भी चुनावी मैदान में हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने की मतदान की अपील
ये हैं राज्य के अहम मुद्दे
हिमाचल प्रदेश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी का है। राज्य में बेरोजगारी दर सितंबर में 9.2 प्रतिशत और अक्टूबर में 8.2 प्रतिशत थी, जो 7.6 प्रतिशत की राष्ट्रीय औसत से अधिक है। इसके अलावा अग्निपथ योजना, पुरानी पेंशन स्कीम (OPS), सेब के किसानों की दुर्दशा और गांवों में सड़कें और कनेक्टिविटी बड़े मुद्दों में शामिल हैं। हिमाचल के 39 प्रतिशत गांव और इलाके ऐसे हैं जहां कोई भी सड़क नहीं है और वो देश-दुनिया से कटे हुए हैं।
पार्टियों ने क्या ऐलान किए हैं?
कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में पांच लाख युवाओं को रोजगार देने, OPS को दोबारा लागू करने, सेब के लिए MSP घोषित करने और सड़कों के निर्माण में तेजी लाने का वादा किया है। AAP ने भी छह लाख युवाओं को रोजगार देने, OPS को वापस लागू करने और फलों पर MSP देने का वादा किया है। वहींं भाजपा ने आठ लाख युवाओं को रोजगार देने से लेकर यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू करने जैसे वादे किए हैं।
क्या रहे थे पिछले चुनावों के नतीजे?
2017 के विधानसभा चुनाव में 75.57 प्रतिशत मतदान हुआ था और भाजपा को 44, कांग्रेस को 21 और CPI (M) को एक सीट मिली थी। इनके अलावा दो निर्दलीय उम्मीदवार जीते थे। भाजपा ने स्पष्ट बहुमत के साथ यहां सरकार बनाई थी।
हिमाचल में रहा है राजपूतों और ब्राह्मणों का दबदबा
करीब 70 लाख की आबादी वाले हिमाचल प्रदेश की राजनीति में राजपूतों और ब्राह्मणों का दबदबा रहा है। इसकी एक वजह राज्य में सवर्ण आबादी का बहुमत होना है। 2011 की जनगणना के अनुसार, हिमाचल की आबादी में से 33 प्रतिशत राजपूत और 18 प्रतिशत ब्राह्मण हैं। अन्य जातियों की बात करें तो राज्य में 25 प्रतिशत SC, 13-14 प्रतिशत अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), 5 प्रतिशत ST और बाकी पांच प्रतिशत में सिख, मुस्लिम और अन्य आ जाते हैं।