हरियाणा: किसानों के समर्थन में INLD विधायक अभय चौटाला का इस्तीफा, स्पीकर ने किया मंजूर
क्या है खबर?
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों के समर्थन में उतरे भारतीय राष्ट्रीय लोकदल (INLD) के प्रधान महासचिव और हरियाणा के ऐलनाबाद से विधायक अभय सिंह चौटाला ने बुधवार को हरियाणा विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है।
उनके इस इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष ने स्वीकार भी कर लिया है।
बता दें कि चौटाला ने पिछले दिनों ऐलाना किया था कि 26 जनवरी तक किसान आंदोलन का हल नहीं मिलने पर वह इस्तीफा दे देंगे।
पत्र
विधानसभा अध्यक्ष को ईमेल पर भेजा इस्तीफा
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार चौटाला ने ईमले के जरिए विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता को अपना इस्तीफा भेजा था।
उन्होंने उसमें लिखा था कि यदि 26 जनवरी तक किसान आंदोलन का हल नहीं निकलता है तो उनके पत्र को राज्य विधानसभा से उनका इस्तीफा समझा जाए।
हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा नहीं मिलने की बात की थी, लेकिन उनके फिर से इस्तीफे की बात दोहराने के बाद अध्यक्ष ने उसे स्वीकार कर लिया।
बयान
अन्य विधायक भी इस्तीफा देने को होंगे मजबूर- चौटाला
इस्तीफा देने के बाद चौटाला ने कहा कि उन्होंने तीन दिन पहले ही विधानसभा अध्यक्ष को अपना इस्तीफा भेज दिया था। वह हमेशा किसानों के साथ खड़े रहेंगे।
उन्होंने यह भी कहा कि उनके बाद राज्य के कई और विधायक इस्तीफा देने के लिए मजबूर होंगे। जो विधायक ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें अपने हलके में जनता का सामना करना मुश्किल होगा जिसमें सबसे ज्यादा परेशानी जननायक जनता पार्टी (JJP) के नेताओं को होगी।
हमला
चौटाला ने उपमुख्यमंत्री पर साधा निशाना
चौटाला ने सरकार में उपमुख्यमंत्री और रिश्ते में भतीजे दुष्यंत चौटाला का नाम लिए बिना कहा कि जो लोग देवीलाल के नाम पर किसानों को गुमराह करके सत्ता में आए हैं उनके लिए जवाब देना मुश्किल हो जाएगा।
उन्होंने यह भी कहा कि इन नेताओं का भविष्य तो इस आंदोलन ने तय कर दिया है।
उन्होंने विधानसभा में कहा था कि जो लोग इस बिल को ठीक बताएंगे उनकी तीन पीढ़ियां गांव में पंच बनने की भी हकदार नहीं रहेंगी।
मदद
किसानों की हरसंभव मदद के लिए तैयार है पार्टी- चौटाला
चौटाला ने कहा कि उनकी पार्टी लगातार इस विरोध प्रदर्शन में भाग ले रही है और पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश या महाराष्ट्र के आंदोलनकारी किसानों की मदद से हसंभव प्रयास कर रही है। इसके लिए सभी पार्टी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी गई है।
उन्होंने कहा कि किसानों की सहायता के लिए हर जगह पर टेंट लगवाए गए हैं। किसानों को किसी भी चीज की कमी महसूस नहीं होने दी जा रही है।
समर्थन
दो विधायक वापस ले चुके हैं सरकार से समर्थन
बता दें कि चौटाला के पहले दो निर्दलीय विधायक हरियाणा सरकार से अपना समर्थन वापस ले चुके हैं। भ्रष्टाचार के मुद्दे पर निर्दलीय विधायक बलराज कुंडू ने सरकार से समर्थन वापस लिया था।
उसके बाद गत 1 दिसंबर को चरखी दादरी से निर्दलीय विधायक सोमबीर सांगवान किसान आंदोलन के समर्थन में सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया था।
उन्होंने कहा था कि वह किसानों के खिलाफ और उन पर अत्याचार करने वाली सरकार का समर्थन नहीं कर सकते हैं।
पृष्ठभूमि
क्या है कृषि कानूनों का पूरा मामला?
मोदी सरकार कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए तीन कानून लेकर लाई है जिनमें सरकारी मंडियों के बाहर खरीद के लिए व्यापारिक इलाके बनाने, अनुबंध खेती को मंजूरी देने और कई अनाजों और दालों की भंडारण सीमा खत्म करने समेत कई प्रावधान किए गए हैं।
पंजाब और हरियाणा समेत कई राज्यों के किसान इन कानूनों का जमकर विरोध कर रहे हैं।
उनका कहना है कि इनके जरिये सरकार मंडियों और न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से छुटकारा पाना चाहती है।