कश्मीरी पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार पाया गया तो फांसी के लिए तैयार- फारूक अब्दुल्ला
क्या है खबर?
'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म के कारण कश्मीर से लाखों पंडितों के पलायन का मुद्दा एक बार फिर से सुर्खियों में आने के बीच जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमत्री फारूक अब्दुल्ला ने बड़ा बयान दिया है।
एक टीवी चैनल से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर पंडितों के पलायन के लिए उन्हें दोषी पाया जाता है तो उन्हें जहां चाहें फांसी दे दें।
अब्दुल्ला ने कहा कि पंडितों का पलायन एक साजिश थी। उन्होंने 'द कश्मीर फाइल्स' को भी प्रोपगैंडा बताया।
इंटरव्यू
अब्दुल्ला बोले- मैं पंडितों के पलायन के लिए जिम्मेदार नहीं
आजतक के साथ खास इंटरव्यू में पंडितों के पलायन के संबंध में उन पर उठने वाले सवालों पर अब्दुल्ला ने कहा, "90 में जो कुछ हुआ, वह साजिश थी। ये साजिश किसने की, इसकी जांच के लिए कमीशन बैठाया जाए, तब पता चलेगा कि कौन-कौन इसमें शामिल था। जरूर फारूक अब्दुल्ला पर सवाल उठाए जा रहे हैं, लेकिन मैं इसका जिम्मेदार नहीं हूं. जिम्मेदार वो हैं जो उस वक्त दिल्ली पर राज कर रहे थे।"
आरोप
अब्दुल्ला ने तत्कालीन राज्यपाल के सिर पर फोड़ा पलायन का ठीकरा
अब्दुल्ला ने आगे कहा, "मैं तो हुकूमत में ही नहीं था। उस वक्त वहां मुखिया जगमोहन (जम्मू कश्मीर के तत्कालीन राज्यपाल) थे। वो अब जिंदा नहीं हैं... लेकिन सच्चाई तो वही है। गाड़ियां किसने भेजी इनके (पंडितों के) घरों पर। किसने पुलिसवालों को लोगों को गाड़ियों में बैठाने को कहा।"
उन्होंने कहा कि कश्मीर में आज भी कश्मीरी पंडितों के 800 खानदार रह रहे हैं और उन्हें किसी ने हाथ नहीं लगाया।
चुनाव
अगर मैं जिम्मेदार तो जहां चाहें फांसी दे दें- अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि एएस दुलत (तत्कालीन IB प्रमुख), आरिफ मोहम्मद खान और मोहसर रजा (तत्कालीन मुख्य सचिव) अभी जिंदा हैं और इनसे पूछिए कि इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
उन्होंने कहा कि अगर ये लोग कहेंगे कि फारूक जिम्मेदार है तो उन्हें जहां चाहें फांसी दे दें।
उन्होंने कहा, "पहले कमीशन बैठाइये, जो देखेगा कि कौन सही है... देखेगा किसने पंडितों को निकाला। किसने कुपवाड़ा में हमारी बहनों का रेप किया। किसने मस्जिद से निकलते लोगों पर गोलियां चलाईं।"
फिल्म पर राय
अब्दुल्ला बोले- सारे मुल्क में आग लगा रही 'द कश्मीर फाइल्स'
अपने इंटरव्यू में अब्दुल्ला ने 'द कश्मीर फाइल्स' को प्रोपगैंडा फिल्म बताया।
उन्होंने कहा, "अगर मसलों को सुलझाना है तो दिल जोड़ने वाली बात करनी होगी। यह फिल्म दिल जोड़ नहीं रही है, तोड़ रही है। सारे मुल्क में आग लगा रही है। अगर यह आग नहीं बुझाई गई तो यह सारे देश को एकदम शोले की तरह उड़ा देगी। मैं प्रधानमंत्री मोदी से गुजारिश करूंगा कि ऐसी चीजें न करें जिससे मुसलमान-हिंदुओं के रिश्ते और खराब हों।"
बयान
पंडितों की वापसी से ही पूरा होगा कश्मीर- अब्दुल्ला
अब्दुल्ला ने कहा कि वह वक्त बहुत खराब वक्त था और उस वक्त कश्मीरी पंडितों पर जो मुसीबतें आईं, उसके लिए उनका दिल आज तक रो रहा है। उन्होंने कहा, "सब चाहते हैं कि पंडितों की घर वापसी हो। तब ही कश्मीर पूरा होगा।"
पंडितों का पलायन
कश्मीर में क्या हुआ था?
आतंकियों की धमकी के बाद 1990 में लाखों कश्मीरी पंडितों को अपने पुरखों की विरासत और घरों को छोड़ कर घाटी से भागना पड़ा था।
आतंकियों ने उन्हें धमकी दी थी कि अगर उन्होंने कश्मीर नहीं छोड़ा तो उन्हें मार दिया जाएगा। कई कश्मीर पंडितों को मारा भी गया।
पलायन के समय देश में भाजपा के समर्थन वाली वीपी सिंह की सरकार थी, वहीं कश्मीर में राज्यपाल राज था। लेकिन इस संकट की शुरूआत कांग्रेस राज से हुई थी।