गोवा के नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने साबित किया बहुमत, मिले 20 वोट
गोवा के नए मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने विधानसभा में बहुमत साबित कर दिया है। उनके समर्थन में 20 मत पड़े। कुल 40 सदस्यों वाली गोवा विधानसभा में फिलहाल 36 विधायक है। ऐसे में उन्हें बहुमत के लिए 19 मतों की जरूरत थी। इसके साथ ही गोवा में भाजपा सरकार पर छाए संकट के बादल हट गए हैं। बता दें, रविवार को मनोहर पर्रिकर के निधन के बाद सोमवार देर रात सावंत ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
सावंत के पक्ष में पड़े 20 वोट
फिलहाल क्या है विधानसभा का गणित
गोवा में भाजपा के पास 12, महाराष्ट्र गोमंतक पार्टी (MGP) के पास तीन, गोवा फॉरवर्ड पार्टी (GFP) के पास तीन, कांग्रेस के पास 14, NCP और निर्दलीय के पास 1-1 सीटें हैं। भाजपा के पास MGP और GFP के विधायकों समेत कुल 21 विधायकों का समर्थन है। चूंकि विधानसभा स्पीकर अपना मत नहीं डाल सकते इसलिए सावंत को 20 मत मिले। भाजपा के नेतृत्व में चल रही गठबंधन सरकार में पर्रिकर के निधन के बाद मतभेद उभर आए थे।
गोवा में दो उप-मुख्यमंत्री
इस गतिरोध को शांत करने के भारतीय जनता पार्टी ने सरकार में सहयोगी दोनों पार्टियों से एक-एक विधायक को उप-मुख्यमंत्री बनाया है। कुल 36 विधायकों वाली विधानसभा में 11 मंत्री हैं।
कांग्रेस ने भी की सरकार बनाने की कोशिश
गोवा के दिवंगत मुख्यमंत्री पर्रिकर के निधन के बाद से ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस ने सरकार बनाने की कोशिशें शुरू कर दी थी। हालांकि, दोनों ही पार्टियां ऐसे समय में सरकार बनाने की कोशिशों की आलोचना भी कर रही थी। कांग्रेस ने राज्यपाल को पत्र सौंपकर विधानसभा में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते सरकार बनाने का दावा किया। वहीं भाजपा ने रविवार को ही अपने विधायकों की बैठक बुलाई थी।
पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं नए मुख्यमंत्री
सैंक्यूलिम विधानसभा से विधायक सावंत गोवा विधानसभा के स्पीकर थे। पर्रिकर जब अस्वस्थ थे तब उनकी गैर-मौजूदगी में सावंत ही सरकारी कार्यक्रमों में भाग लेते थे। सावंत पेशे से आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं। शपथ के बाद सावंत ने कहा, "मैं आज जो कुछ भी हूं, पर्रिकर की वजह से हूं। वे ही मुझे राजनीति में लेकर आए थे। पहले मैं विधानसभा का स्पीकर बना और अब मुख्यमंत्री। सब उनकी वजह से हुआ है।"
रविवार को हुआ था पर्रिकर का निधन
महीनों तक अग्नाशय (Pancreatic) के कैंसर से जूझने के बाद, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को 63 साल की उम्र में निधन हो गया था। पर्रिकर की हालत खराब होने पर शनिवार को उन्हें अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। वे फरवरी 2018 से ही कैंसर से पीड़ित थे। मनोहर पर्रिकर ने मुंबई IIT से साल 1978 में ग्रेजुएशन किया था। वे देश में IIT से पढ़कर मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता थे।