धर्म परिवर्तन कार्यक्रम को लेकर घिरे पूर्व AAP मंत्री को पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया
एक धर्म परिवर्तन कार्यक्रम में अपनी मौजूदगी के कारण विवादों में आए दिल्ली के पूर्व मंत्री राजेंद्र पाल गौतम को दिल्ली पुलिस ने पूछताछ के लिए बुलाया है। पुलिस ने समन भेजकर उन्हें आज दोपहर 2 बजे पूछताछ के लिए पेश होने को कहा है। उन पर कार्यक्रम के दौरान हिंदू देवताओं के खिलाफ शपथ लेने का आरोप है, हालांकि अभी ये स्पष्ट नहीं है कि पुलिस ने किस आरोप में पूछताछ के लिए बुलाया है।
क्या है पूरा मामला?
5 अक्टूबर को दिल्ली में हुई एक बौद्ध महासभा में हजारों लोगों ने बौद्ध धर्म में धर्मांतरण किया था। इस दौरान उन्होंने बौद्ध धर्म में शामिल होते वक्त संविधान निर्माता भीमराव अंबेडकर द्वारा ली गईं 22 शपथों को दोहराया था। इसमें से एक शपथ 'मुझे ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वर पर कोई विश्वास नहीं होगा, न ही मैं उनकी पूजा करूंगा। मुझे राम और कृष्ण पर भी विश्वास नहीं होगा और न ही मैं उनकी पूजा करूंगा' पर जमकर विवाद हुआ।
राजेंद्र गौतम ने भी ली थी शपथ, भाजपा ने साधा था निशाना
शपथ लेने वालों में तब मंत्री रहे राजेंद्र गौतम भी शामिल थे। शपथ का एक वीडियो भी सामने आया था जिसके बाद भाजपा ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था। भाजपा की IT सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने ट्वीट करते हुए लिखा था, 'केजरीवाल के मंत्री राजेंद्र पाल ब्रेकिंग इंडिया प्रोजेक्ट को अंजाम दे रहे हैं। केजरीवाल इस हिंदू घृणा प्रचार के प्रमुख प्रायोजक हैं।' वहीं भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने इसे दंगा भड़काने की साजिश बताया था।
विवाद के बाद गौतम ने दे दिया था मंत्री पद से इस्तीफा
मामले पर विवाद होने के बाद राजेंद्र पाल गौतम ने रविवार को मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। इस्तीफे के साथ लिखे गए अपने पत्र में भाजपा के आरोपों को खारिज करते हुए वह कार्यक्रम में समाज का सदस्य होने के नाते शामिल हुए थे और इसका आम आदमी पार्टी (AAP) और दिल्ली कैबिनेट से कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि जिस तरीके से मामले में केजरीवाल को निशाना बनाया जा रहा है, उससे उन्हें दुख हुआ है।
देश के कोने-कोने में करोड़ों लोग दोहराते हैं अंबेडकर की प्रतिज्ञाएं- गौतम
विवादित शपथ पर गौतम ने अपने पत्र में कहा था कि 10,000 लोगों के साथ उन्होंने भी अंबेडकर की 22 प्रतिज्ञाएं दोहराई थीं। उन्होंने कहा कि यह प्रतिज्ञाएं हर साल देश के कोने-कोने में आयोजित होने वाले हजारों कार्यक्रमों में करोड़ों लोगों द्वारा दोहराई जाती हैं। उन्होंने दावा किया था कि भाजपा की केंद्र सरकार में मंत्री रहे थावर चंद गहलोत भी बाबा साहेब अंबेडकर की इन शपथों को छपवा चुके हैं।
न्यूजबाइट्स प्लस
संविधान निर्माता बीआर अंबेडकर जाति व्यवस्था और छुआछूत जैसी बुराइयों के कारण हिंदू धर्म को पसंद नहीं करते थे और 1956 में अपने हजारों समर्थकों के साथ उन्होंने बौद्ध धर्म में धर्मांतरण कर लिया था। हालांकि इसके दो महीने बाद ही उनकी मौत हो गई।