जेल से रिहा हुए डॉ कफील, बाहर निकलते ही बोले- बाल हठ कर रही योगी सरकार
नागरिकता कानून (CAA) के विरोध में कथित भड़काऊ बयान के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत हिरासत में लिए गए डॉ कफील खान को मंगलवार रात मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया। जेल से बाहर निकलते ही उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार राजधर्म निभाने के बजाय बाल हठ कर रही है और उन्हें फिर से किसी मामले में फंसाकर जेल में डाल सकती है।
जनवरी से जेल में बंद थे डॉ कफील
डॉ कफील दिसंबर, 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU) में CAA विरोधी प्रदर्शन के दौरान भड़काऊ भाषण देने के लिए जेल में बंद थे। अपने इस भाषण में उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि CAA मुस्लिमों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की साजिश है। मामले में उन्हें 29 जनवरी को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था और फरवरी में कोर्ट से जमानत मिलने के बाद उन पर NSA लगा दिया गया था।
हाई कोर्ट के आदेश के बाद मंगलवार को रिहा किए गए कफील
कफील पर NSA के उपयोग को गैरकानूनी बताते हुए मंगलवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उनकी तत्काल रिहाई का आदेश दिया था। अपने आदेश में कोर्ट ने कहा था कि कफील का भाषण कहीं से भी हिंसा और नफरत को बढ़ावा देने वाला नहीं था। कोर्ट के आदेश पर अमल करते हुए देर रात कफील को रिहा कर दिया गया। अलीगढ़ जिला प्रशासन की तरफ से रिहाई का आदेश आने में देरी के कारण उन्हें रिहा करने में देरी हुई।
जेल से बाहर आने के बाद कफील ने शुभचिंतकों को कहा धन्यवाद
रिहाई के बाद कफील ने कहा, "मैं न्यायपालिका का बहुत शुक्रगुजार हूं जिन्होंने इतना अच्छा ऑर्डर दिया है। मैं अपने सभी शुभचिंतकों का आभारी रहूंगा जिन्होंने मेरी रिहाई के लिए आवाज उठाई। प्रशासन रिहाई के लिए तैयार नहीं था, लेकिन लोगों की प्रार्थना से मुझे रिहा कर दिया गया है।" पुलिस पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि वह उत्तर प्रदेश स्पेशल टास्क फोर्स (STF) के भी शुक्रगुजार हैं जिन्होंने मुंबई से मुथरा लाते वक्त उनका एनकाउंटर नहीं किया।
"राजधर्म की जगह बाल हठ कर रही सरकार"
योगी सरकार पर निशाना साधते हुए कफील ने कहा कि उन पर बिना किसी आधार के केस किया गया था और आठ महीने जेल में रखा गया। उन्होंने जेल में पांच दिन तक बिना खाना-पानी दिए प्रताड़ित किए जाने का आरोप भी लगाया। उन्होंने कहा, "रामायण में महर्षि वाल्मीकि ने कहा था कि राजा को राजधर्म के लिए काम करना चाहिए। लेकिन उत्तर प्रदेश में राजा राजधर्म नहीं निभा रहे हैं, बल्कि बाल हठ कर रहे हैं।"
कफील ने वापस मांगी गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज में अपनी नौकरी
कफील ने कहा कि गोरखपुर BRD मेडिकल कॉलेज की घटना के बाद ही सरकार उनके पीछे पड़ी है और इसके कारण उन्हें और उनके परिवार को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने सरकार से अपनी नौकरी भी वापस मांगी। बता दें कि अगस्त, 2017 में BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन की कमी के कारण 63 बच्चों की मौत हो गई थी। तब कफील वहां बतौर बाल चिकित्सक तैनात थे और सरकार ने उन्हें निलंबित कर दिया था।