हिमाचल प्रदेश: कांग्रेस ने आज बुलाई विधायक दल की बैठक, मुख्यमंत्री का नाम होगा तय
क्या है खबर?
हिमाचल प्रदेश चुनाव में जीत के बाद कांग्रेस ने आज अपने विधायक दल की बैठक बुलाई है जिसमें मुख्यमंत्री के नाम पर फैसला होगा।
बैठक शाम 3 बजे शिमला के रेडिसन होटल में होगी। केंद्रीय नेतृत्व ने इसके लिए तीन पर्यवेक्षक नियुक्त किए हैं जिनमें छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा और हिमाचल प्रदेश के प्रभारी राजीव शुक्ला शामिल हैं।
बघेल और हुड्डा दोनों का हिमाचल के नेताओं पर अच्छा-खासा प्रभाव है।
रेस
मुख्यमंत्री की रेस में ये नेता शामिल
मुख्यमंत्री की रेस में शामिल उम्मीदवारों की बात करें तो इनमें पूर्व मुख्यमंत्री और दिग्गज नेता वीरभद्र सिंह की पत्नी प्रतिभा सिंह, पिछली विधानसभा में नेता विपक्ष रहे मुकेश अग्निहोत्री और वरिष्ठ नेता सुखविंदर सिंह सुक्खू शामिल हैं।
प्रतिभा सिंह के बेटे विक्रमादित्य सिंह भी रेस में शामिल हैं, हालांकि अभी उन्होंने अपनी मां की उम्मीदवारी का समर्थन किया है। उन्होने कहा है कि वह बेटा होने के नाते वह प्रतिभा जी को बड़ी जिम्मेदारी मिलते हुए देखना चाहते हैं।
जानकारी
इन उम्मीदवारों के नामों पर भी हो सकता है विचार
कुछ महीने पहले तक हिमाचल कांग्रेस के प्रमुख रहे कुलदीप सिंह राठौर और विधायक हर्षवर्धन चौहान भी मुख्यमंत्री पद की रेस में शामिल हैं। आशा कुमारी और कौल सिंह ठाकुर भी रेस में हैं, हालांकि उन्हें अपनी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा है।
बयान
वीरभद्र सिंह की विरासत का जिक्र कर प्रतिभा सिंह ने मजबूत की अपनी उम्मीदवारी
प्रतिभा सिंह ने गुरूवार को पत्रकारों से बात करते हुए अपने पति वीरभद्र सिंह का जिक्र कर खुद की उम्मीदवारी को मजबूत करने की कोशिश की।
उन्होंने कहा कि राज्य में कांग्रेस की जीत उनके स्वर्गीत पति की विरासत को लोगों का समर्थन भी है।
उन्होने कहा कि उनके पति शारीरिक तौर पर भले ही मौजूद न हों, लेकिन लोगों ने उनकी विरासत, उनके परिजनों और उनके पोस्टर्स को देखते हुए वोट दिया है।
गुटबाजी
गुटबाजी के कारण कांग्रेस नेतृत्व को फूंक-फूंक कर रखने पड़ेंगे कदम
आंतरिक गुटबाजी की वजह से कांग्रेस के लिए मुख्यमंत्री का नाम तय करना आसान नहीं होगा। अगर उसने मामले को सही तरीके से नहीं संभाला तो हिमाचल में भी मध्य प्रदेश और राजस्थान जैसी स्थिति पैदा हो सकती है।
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद और तवज्जो न मिलने से नाराज ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा में चले गए थे और कांग्रेस की सरकार गिर गई थी।
राजस्थान में अशोक गहलोत और सचिन पायलट में टकराव के कारण उसकी सरकार गिरते-गिरते बची थी।
नतीजे
क्या रहे हिमाचल चुनाव के नतीजे?
हिमाचल में कांग्रेस को स्पष्ट बहुमत मिला है और उसने राज्य की 68 में से 40 सीटों पर जीत दर्ज की है। पिछले पांच साल से सत्ता पर काबिज भाजपा को 25 सीटों से संतोष करना पड़ा है।
पहली बार चुनाव लड़ रही आम आदमी पार्टी (AAP) अपना खाता भी नहीं खोल पाई है, वहीं तीन सीटों पर निर्दलीय उम्मीदवार जीते हैं।
कांग्रेस की जीत के साथ ही हिमाचल में हर पांच साल पर सरकार बदलने का चलन बरकरार है।