पशुपति कुमार पारस ने भाजपा को दलित विरोधी बताया, बोले- सब जानते हैं हम कहां जाएंगे
क्या है खबर?
कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार में मंत्री रहे लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के प्रमुख पशुपति कुमार पारस बिहार में भाजपा को निशाने पर ले रहे हैं।
मंगलवार को पारस ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि भाजपा दलित विरोधी पार्टी है और इस बार विधानसभा चुनाव में जनता उनको सबक सिखाएगी।
उन्होंने अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर कहा कि सबको पता कि उनकी पार्टी किसके साथ जाएगी।
बयान
पारस ने गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लिया
पारस ने कहा, "LJP का बुरा दिन है, उनकी पार्टी के 5 सांसदों का टिकट काट दिया गया, कारण मैं नहीं जानता, लेकिन इतना जानता हूं कि दलित की पार्टी है और भाजपा दलित विरोधी है।"
उन्होंने गृह मंत्री अमित शाह को निशाने पर लेते हुए कहा, "आपने देखा होगा कि लोकसभा में दलितों के भगवान बाबा साहब भीमराव अंबेडकर को लेकर कितनी टिप्पणी की गई। वे (शाह) बिहार में कितने भी कैंप कर ले, जनता सर्वोपरि है।"
बयान
आगे क्या है पारस की रणनीति?
पारस ने आगे कहा कि बिहार के आरा में 25 करोड़ लूटने की घटना को देखकर लगता है कि कानून व्यवस्था पूरी तरह चौपट है और बेरोजगारों की भरमार है, मुख्यमंत्री शारीरिक और मानसिक रूप से अस्वस्थ हैं।
उन्होंने अपनी पार्टी के भविष्य को लेकर कहा, "14 अप्रैल को पार्टी की बड़ी बैठक होगी, जिसके बाद बताया जाएगा कि हमें किस तरफ जाना है, लेकिन सबको पता है कि हम किस तरफ जाएंगे।"
जानकारी
दही-चूड़ा भोज में मिल चुके हैं पारस और लालू
इस साल 14 जनवरी को पटना में मकर संक्रांति के दिन पारस ने पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव को अपने आवास पर दही-चूड़ा भोज पर आमंत्रित किया था, जिसमें लालू अपने बेटे तेज प्रताप के साथ पहुंचे थे। इस मुलाकात की काफी चर्चा हुई थी।
राजनीति
पारस हो चुके हैं NDA से अलग
रामविलास पासवान के निधन के बाद उनकी पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) के 2 फाड़ हो गए। इसमें पासवान के भाई पशुपति कुमार पारस LJP के अध्यक्ष बने और उनके साथ 5 सांसद आ गए।
पारस ने लोकसभा चुनाव 2024 में बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के सीट बंटवारे में जगह न मिलने पर NDA से नाता तोड़ लिया था।
पासवान के बेटे चिराग पासवान ने LJP (रामविलास) नाम से दूसरी पार्टी बनाई। अब वे NDA के साथ हैं।