असम: कांग्रेस प्रमुख ने कृष्ण-रुक्मिणी विवाह को 'लव जिहाद' से जोड़ा, मुख्यमंत्री बिस्वा बोले- कार्रवाई होगी
क्या है खबर?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुरुवार को कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा के बयान की निंदा की। उन्होंने कहा कि महाभारत में भगवान श्रीकृष्ण और रुक्मिणी के रिश्ते को 'लव जिहाद' से जोड़ना दुर्भाग्यपूर्ण है।
कांग्रेस नेता बोरा की टिप्पणी को सनातन और हिंदू धर्म के खिलाफ बताते हुए उन्होंने कहा कि अगर शिकायत दर्ज होती है तो उनके खिलाफ सरकार केस दर्ज करते हुए आवश्यक कार्रवाई करेगी।
बयान
क्या है मामला?
26 जुलाई को असम के गोलघाट जिले में 25 वर्षीय नाजीबुर रहमान बोरा ने अपनी 24 वर्षीय पत्नी संघमित्रा घोष और उसके माता-पिता की हत्या कर दी और फिर अपने नौ महीने के बच्चे को गोद में लेकर पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था।
मुख्यमंत्री सरमा ने दावा किया था कि यह हत्याकांड 'लव जिहाद' का मामला है क्योंकि मृतक परिवार हिंदू था और आरोपी मुस्लिम समुदाय से है। उन्होंने पीड़ित परिवार से मुलाकात भी की थी।
बयान
सरमा के दावे पर असम कांग्रेस अध्यक्ष ने दिया था विवादित बयान
मुख्यमंत्री सरमा के हत्याकांड को लव जिहाद से जोड़ने पर कांग्रेस नेता बोरा ने महाभारत में भगवान कृष्ण-रुक्मिणी और धृतराष्ट्र-गांधारी के विवाह को भी 'लव जिहाद' बताया था।
उन्होंने कहा, "जब भगवान कृष्ण रुक्मिणी से विवाह करना चाहते थे, तब अर्जुन एक महिला के भेष में आए थे। गांधारी का परिवार नहीं चाहता था कि उसका विवाह धृतराष्ट्र से हो। भीष्म पितामह ने उन पर दबाव डाला था। यह भी लव जिहाद था।"
सरमा
मुख्यमंत्री सरमा बोले- भगवान की तुलना आपराधिक गतिविधियों से करना स्वीकार्य नहीं
बोरा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री सरमा ने इस मामले में भगवान कृष्ण और रुक्मिणी के विषय को घसीटना निंदनीय बताया है।
उन्होंने कहा, "यह सनातन धर्म के विरुद्ध है। मैं कांग्रेस से अनुरोध करता हूं कि जिस तरह हम हजरत मुहम्मद या ईसा मसीह को किसी विवाद में नहीं घसीटते, उसी तरह हमें भगवान कृष्ण को भी किसी विवाद में घसीटने से बचना चाहिए। भगवान की तुलना आपराधिक गतिविधि से करना स्वीकार्य नहीं है।"
कार्रवाई
मुख्यमंत्री सरमा ने कही कार्रवाई की बात
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा, "लव जिहाद क्या है? जब किसी लड़की की गलत पहचान दिखाकर शादी की जाती है और शादी के बाद उसे अपना धर्म बदलने के लिए मजबूर किया जाता है। भगवान कृष्ण ने कभी भी रुक्मिणी को अपना धर्म बदलने के लिए नहीं कहा।"
उन्होंने कहा, "अगर कोई मामले में शिकायत दर्ज करता है तो हमें उस व्यक्ति को गिरफ्तार करना होगा जिसने ऐसा कहा है। सरकार को कार्रवाई करनी पड़ेगी।"