अखिलेश यादव ने सपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी समेत सभी संगठन और प्रकोष्ठ भंग किए
क्या है खबर?
हालिया उपचुनावों में मिली हार के बाद समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव पार्टी में बड़े बदलाव के मूड में दिख रहे हैं।
उन्होंने रविवार को तुरंत प्रभाव से उत्तर प्रदेश अध्यक्ष को छोड़कर सपा के सभी युवा संगठनों, महिला सभा, सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय और प्रदेश अध्यक्षों और राज्य कार्यकारिणी की तत्काल प्रभाव से भंग कर दिया।
अखिलेश के इस फैसले को इसे पार्टी में जान फूंकने की नई कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
जानकारी
कब होगा नई कार्यकारिणी का गठन?
इसी साल हुए उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में खराब प्रदर्शन और फिर लोकसभा उपचुनाव में अपने ही गढ़ में हार जाना सपा के लिए बड़ा झटका साबित हुआ है।
चुनाव के नतीजे जारी होने के बाद से ही कयास लगाए जाने लगे थे कि सपा कार्यकारिणी को भंग कर संगठन को नए रूप में फिर से खड़ा किया जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अगस्त-सितंबर में सपा के राष्ट्रीय सम्मेलन के बाद नई कार्यकारिणी का गठन किया जा सकता है।
लोकसभा उपचुनाव
अपने किले नहीं बचा पाई समाजवादी पार्टी
पिछले महीने हुए लोकसभा उपचुनाव में सपा को उसका गढ़ मानी जाने वाली रामपुर और आजमगढ़ लोकसभा सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
रामपुर में भाजपा प्रत्याशी घनश्याम सिंह लोधी ने सपा प्रत्याशी मोहम्मद आसिम रजा को 40,000 से अधिक वोटों से मात दी, वहीं आजमगढ़ सीट पर भाजपा के दिनेश लाल यादव "निरहुआ" ने सपा के धर्मेंद्र यादव को हराया।
आजमगढ़ सीट अखिलेश यादव और रामपुर सीट आजम खान के विधायक बनने के बाद खाली हुई थी।
ट्विटर पोस्ट
सपा की तरफ से दी गई जानकारी
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अखिलेश यादव जी ने तत्काल प्रभाव से सपा उ.प्र. के अध्यक्ष को छोड़कर पार्टी के सभी युवा संगठनों, महिला सभा एवं अन्य सभी प्रकोष्ठों के राष्ट्रीय अध्यक्ष, प्रदेश अध्यक्ष,जिला अध्यक्ष सहित राष्ट्रीय,राज्य, जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) July 3, 2022
सपा का प्रदर्शन
विधान परिषद चुनावों में हुआ था सूपड़ा साफ
अप्रैल में हुए विधान परिषद के चुनावों में सपा का सूपड़ा साफ हो गया था।
दरअसल, 100 सीटों वाली उत्तर प्रदेश विधान परिषद की खाली पड़ी 36 सीटों में से 27 पर अप्रैल में चुनाव हुए थे। इन 27 में से भाजपा ने 24 अपने नाम की, जबकि उसके नौ उम्मीदवार निर्विरोध निर्वाचित हो गए थे।
सपा का प्रदर्शन तीन सीट जीतने वाले निर्दलीय उम्मीदवारों से भी खराब रहा और वह एक भी सीट नहीं जीत पाई।
जानकारी
विधानसभा चुनाव में भी नहीं मिली जीत
विधानसभा चुनाव के नतीजों में भी सपा को निराशा हाथ लगी थी। राज्य की 403 में से सपा और उसकी सहयोगी पार्टियां 125 ही सीटें जीत पाईं। भाजपा ने शानदार जीत हासिल करते हुए सत्ता में वापसी की।
जानकारी
सपा के वोट शेयर में हुआ था इजाफा
2022 के विधानसभा चुनाव में सपा ने छोटी पार्टियों के साथ मिलकर भाजपा को चुनौती दी थी।
हालांकि, सपा भाजपा को जीतने से नहीं रोक पाई, लेकिन पार्टी की सीटों और वोट प्रतिशत में इजाफा हुआ है।
2017 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ मिलकर लड़ते हुए सपा को 21.28 प्रतिशत वोट शेयर के साथ 47 सीटें मिली थीं। वहीं इस बार उसे 32 प्रतिशत वोट और 111 सीटें मिली हैं।