पश्चिम बंगाल: नंदीग्राम से हार के बाद अब पारंपरिक सीट भवानीपुर से चुनाव लड़ेंगी ममता बनर्जी
क्या है खबर?
पश्चिम बंगाल में पिछले महीने हुए विधानसभा चुनावों में तृणमूल कांग्रेस (TMC) ने 213 सीटें जीतकर लगातार तीसरी बार सत्ता पर कब्जा जमा लिया, लेकिन मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को नंदीग्राम से हार का सामना करना पड़ा था।
ऐसे में अब उन्होंने मुख्यमंत्री बने रहने के लिए अपनी पारंपरिक सीट भवानीपुर से उप चुनाव लड़ने का निर्णय किया है।
इसके लिए भवानीपुर सीट से विधायक बने शोभनदेव चट्टोपाध्याय ने शुक्रवार को अपने पद से इस्तीफा भी दे दिया है।
परिणाम
क्या रहे थे चुनाव परिणाम?
पश्चिम बंगाल की 294 सीटों वाली विधानसभा में तृणमूल कांग्रेस ने 213 सीटों पर कब्जा जमाया है। यह 2016 में पार्टी द्वारा जीती गई 210 सीटों से तीन अधिक है।
इसी तरह चुनाव में अपना पूरा दमखम लगाने वाली भाजपा ने 77 सीटों पर कब्जा जमाया है।
हालांकि, चुनाव से पहले भाजपा नेताओं ने चुनाव में 200 से अधिक सीटें जीतने का दावा किया था। बाकी सीटें अन्य के खाते में गई थी।
हार
नंदीग्राम सीट से बनर्जी करना पड़ा था हार का सामना
बता दें कि मुख्यमंत्री बनर्जी ने TMC छोड़कर भाजपा में शामिल हुए सुवेंदु अधिकारी को चुनौती देने के लिए अपनी पारंपरिक सीट को छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का निर्णय किया था।
यह पश्चिम बंगाल की सबसे बड़ी हॉट सीट रही थी, लेकिन यहां बनर्जी को अधिकारी से 1,956 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था।
चुनाव की मतगणना के अनुसार अधिकारी को कुल 1,10,764 और ममता को 1,08,808 वोट मिले।
नियम
चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री बने रहने के लिए यह है नियम
संविधान का अनुच्छेद 164 के अनुसार मुख्यमंत्री बनने के लिए विधानसभा या विधान परिषद का सदस्य होना जरूरी होता है।
हालांकि, सदस्य नहीं होने की सूरत में किसी को मुख्यमंत्री तो बनाया जा सकता है, लेकिन उसे छह महीनों के भीतर सदस्यता हासिल करनी होती है। समयसीमा के बाद वह मंत्री नहीं बन सकता है।
ऐसे में बनर्जी को मुख्यमंत्री बने रहने के लिए छह महीने में उपचुनाव लड़कर वहां से जीत हासिल करनी होगी।
बयान
भवनीपुर सीट से चुनाव लड़ेंगी बनर्जी- चट्टोपाध्याय
विधायक पद से इस्तीफा देने के बाद चट्टोपाध्याय ने NDTV से कहा, "ममता बनर्जी आने वाले छह महीनों में भवानीपुर से चुनाव लड़ेंगी। मैं उनकी सीट पर खड़ा हुआ था और जीत गया। मैं विधायक का पद इसलिए छोड़ रहा हूं ताकि वह निष्पक्ष तरीके से चुनाव जीत सकें और मुख्यमंत्री बनी रहें। बनर्जी की जीत हम सभी के लिए है।"
बता दें कि चट्टोपाध्याय अभी मंत्री बने रहेंगे और उन्हें छह महीने में दूसरी सीट से चुनाव जीतना होगा।"
जानकारी
चट्टोपाध्याय ने बड़े अंतर से हासिल की थी जीत
बता दें कि चट्टोपाध्याय ने 2016 में रासबिहारी सीट से जीत हासिल की थी और सरकार में बिजली मंत्री रहे थे। इस बार उन्होंने भवानीपुर सीट से चुनाव लड़कर भाजपा उम्मीदवार अभिनेता-राजनेता रुद्रनील घोष को बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की थी।
पृष्ठभूमि
2011 में भी बनर्जी ने भवानीपुर से उपचुनाव में हासिल की थी जीत
बता दें कि साल 2011 में हुए विधानसभा चुनाव में सुब्रत बक्शी ने TMC के टिकट पर चुनाव जीतकर भवानीपुर निर्वाचन क्षेत्र से इस्तीफा दे दिया था। उसके बाद में यहां हुए उपचुनाव में ममता बनर्जी जीत हासिल की थी।
उसके बाद 2016 में भी उन्होंने इसी सीट से चुनाव लड़ते हुए बड़ी जीत हासिल की थी, लेकिन इस बार उन्होंने सुवेंदु अधिकारी को चुनौती देने के लिए अपनी सीट छोड़कर नंदीग्राम से चुनाव लड़ने का निर्णय किया था।