विश्व कैंसर दिवस: जानें क्यों बनाया जाता है ये दिन, इसका इतिहास और महत्व
विश्व कैंसर दिवस हर साल 4 फरवरी को मनाया जाता है। इस दिन का उद्देश्य कैंसर के बारे में जागरूकता फैलाना है। यह दिन उन सभी कार्यों को भी बढ़ावा देता है, जो कैंसर की पहचान, निवारक उपायों और उपचार में सुधार करने के लिए किए जाते हैं। कैंसर एक गंभीर बीमारी है, जो शरीर के किसी भी अंग को प्रभावित कर सकती है। आइए विश्व कैंसर दिवस और कैंसर से जुड़ी अहम बातें जानते हैं।
क्या होता है कैंसर?
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, कैंसर बीमारियों का एक बड़ा समूह है। जब कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और अपनी सीमाओं से परे जाकर शरीर के आस-पास के हिस्सों पर आक्रमण करती हैं या अन्य अंगों में फैल जाती हैं तो इसे कैंसर कहा जाता है। पुरुषों में फेफड़े, प्रोस्टेट, कोलोरेक्टल, पेट और लीवर कैंसर सबसे आम प्रकार के कैंसर हैं। महिलाओं में स्तन, कोलोरेक्टल, फेफड़े, गर्भाशय और थायरॉयड कैंसर सबसे आम हैं।
2000 में हुई थी विश्व कैंसर दिवस की शुरुआत
विश्व कैंसर दिवस पहली बार 4 फरवरी, 2000 को फ्रांस की राजधानी पेरिस में मनाया गया था। नई सहस्राब्दी में कैंसर के खिलाफ विश्व शिखर सम्मेलन में इसे मनाया गया था। इस कार्यक्रम में दुनिया के अलग-अलग हिस्सों से कई मशहूर हस्तियां और नेता शामिल हुए थे। इसके बाद इस बीमारी के बारे में लोगों को जागरूक करने के लिए हर साल विश्व कैंसर दिवस मनाया जाने लगा। इस दिन कई बड़ी कंपनियां अभियान चलाती हैं।
जानिए क्यों महत्वपूर्ण है ये दिवस
विश्व कैंसर दिवस चिकित्सा और स्वास्थ्य सेवा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण दिन है। इस घातक बीमारी और इससे लड़ने के तरीके के बारे में लोगों को शिक्षित करने के लिए हर साल यह दिन मनाया जाता है। साथ ही यह दिन देखभाल और धन की कमी पर भी ध्यान केंद्रित करता है, जिससे कैंसर रोगियों को गुजरना पड़ता है। एक अध्ययन के अनुसार, भारत और कुछ देशों में मिलाकर कैंसर से 13 लाख मौतें होती हैं।
इस साल विश्व कैंसर दिवस की थीम
विश्व कैंसर दिवस 2024 की थी 'देखभाल के अंतर को रोकें: हर कोई कैंसर देखभाल तक पहुंचने का हकदार है' है। यह 2022 से 2024 तक 3 साल लंबे अभियान का हिस्सा है। यूनियन फॉर इंटरनेशनल कैंसर कंट्रोल (UICC) इस अभियान के तहत एक ही कार्यसूची पर ध्यान केंद्रित करता है। UICC के अनुसार, 2024 का एजेंडा 'एक साथ मिलकर, हम सत्ता में बैठे लोगों को चुनौती देंगे'। इस दिन प्रत्येक वर्ष कई कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
कैंसर होने के कारण
इंडियन कैंसर सोसाइटी के मुताबिक, कुछ पदार्थ जिन्हें कार्सिनोजेन के रूप में जाना जाता है, आपके कैंसर होने की संभावना को बढ़ा सकते हैं। जो लोग धूम्रपान करते हैं या तंबाकू चबाते हैं, उनमें मुंह, गले और फेफड़ों के कैंसर का खतरा अधिक होता है। इसके अलावा वायु प्रदूषण, पैकेट वाला भोजन और जंक फूड भी कैंसर के कारण हैं। यहां तक कि कुछ वायरस भी कैंसर (EBV, हेपेटाइटिस बी, HPV) का कारण बन सकते हैं।
कैंसर की रोकथाम
WHO के अनुसार, कैंसर को रोकने के लिए कुछ कदम उठाए जा सकते हैं। इनमें तंबाकू से परहेज, शरीर का स्वस्थ वजन बनाए रखना, पौस्टिक आहार लेना और शारीरिक गतिविधि करना शामिल हैं। साथ ही शराब के सेवन से बचना बेहद जरुरी है। HPV और हेपेटाइटिस बी की वैक्सीन लगवाएं। इसके अलावा बाहरी और आंतरिक वायु प्रदूषण के जोखिम से खुद को दूर रखने से भी कैंसर को रोका जा सकता है।