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महाराष्ट्र में लोकप्रिय हैं ये 5 संगीत वाद्ययंत्र, जानिए इनके बारे में
महाराष्ट्र के संगीत के वाद्ययंत्र

महाराष्ट्र में लोकप्रिय हैं ये 5 संगीत वाद्ययंत्र, जानिए इनके बारे में

लेखन अंजली
Jun 24, 2025
01:14 pm

क्या है खबर?

महाराष्ट्र एक ऐसा राज्य है, जहां की संस्कृति बहुत ही समृद्ध और विविधतापूर्ण है। यहां के संगीत के वाद्ययंत्र भी इसी का एक अहम हिस्सा हैं। महाराष्ट्र के संगीत के वाद्ययंत्रों में पारंपरिक और आधुनिक दोनों तरह के वाद्ययंत्र शामिल हैं। इनका उपयोग महाराष्ट्र के विभिन्न संगीत शैलियों में होता है, जैसे लोक संगीत, शास्त्रीय संगीत और फिल्म संगीत। आइए महाराष्ट्र के पांच प्रमुख संगीत के वाद्ययंत्र के बारे में जानते हैं।

#1

डोलकी

डोलकी एक छोटा-सा गोलाकार वाद्ययंत्र होता है, जिसे हाथों से बजाया जाता है। यह मुख्य रूप से लोक नाच और धार्मिक आयोजनों में उपयोग किया जाता है। डोलकी को बजाने के लिए दोनों हाथों का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी धुन निकलती है। यह वाद्ययंत्र महाराष्ट्र के कई क्षेत्रों में लोकप्रिय है और इसके बिना कई पारंपरिक कार्यक्रम अधूरे माने जाते हैं। डोलकी की आवाज बहुत ही मधुर होती है, जो लोगों को मोहित कर देती है।

#2

मंजीरा

मंजीरा दो छोटे धातु के गोल टुकड़ों से बना होता है, जिन्हें लकड़ी की छड़ी से बजाया जाता है। यह वाद्ययंत्र भक्ति गीतों और लोक संगीत में बहुत ही आम है। मंजीरा की आवाज बहुत ही तेज होती है, जो लोगों को ऊर्जा से भर देती है। इसे बजाने के लिए दोनों हाथों का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी धुन निकलती है। मंजीरा की आवाज भक्ति गीतों और लोक संगीत में एक खास जगह रखती है।

#3

तुणतुणे

तुणतुणे एक प्रकार का चमकदार वाद्ययंत्र होता है, जिसे लकड़ी या धातु की छड़ी से बजाया जाता है। इस वाद्ययंत्र का उपयोग मुख्य रूप से लोक नाच कार्यक्रमों में किया जाता है। तुणतुणे को बजाने के लिए हाथों और पैरों का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी धुन निकलती है। यह वाद्ययंत्र महाराष्ट्र की लोक संस्कृति का अहम हिस्सा है और इसके बिना कई पारंपरिक कार्यक्रम अधूरे माने जाते हैं।

#4

डफ

डफ लकड़ी के घेरे पर लेदर मढ़कर बनाया जाता है। इस वाद्ययंत्र का उपयोग मुख्य रूप से धार्मिक आयोजनों और लोक संगीत में किया जाता है। डफ को बजाने के लिए हाथों और पैरों दोनों का उपयोग किया जाता है, जिससे इसकी धुन निकलती है। यह वाद्ययंत्र महाराष्ट्र की लोक संस्कृति का अहम हिस्सा है और इसके बिना कई पारंपरिक कार्यक्रम अधूरे माने जाते हैं।

#5

हारमोनियम 

हारमोनियम एक प्रमुख पियानो जैसा वाद्ययंत्र है, जिसे फुफुकारा भी कहा जाता है। इस वाद्ययंत्र का उपयोग शास्त्रीय और लोक दोनों ही प्रकार के संगीत में किया जाता है। हारमोनियम को बजाने के लिए हाथों की मदद ली जाती है। महाराष्ट्र की लोक संस्कृति और धार्मिक आयोजनों में हारमोनियम की धुन बहुत ही अहमियत रखती है। इन सभी वाद्ययंत्रों ने महाराष्ट्र की संगीत दुनिया को समृद्ध बनाया है और इनकी धुनें आज भी लोगों को मोहित करती हैं।