सर्दियों में इस तरह रखें अपने बुजुर्गों का ख्याल, नहीं पड़ेंगे बीमार
क्या है खबर?
सर्दी का मौसम सभी उम्र के लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन इसका सबसे ज्यादा असर बुजुर्गों पर पड़ता है और कई बार सर्दी के कारण वे बीमार भी पड़ जाते हैं।
इसी कारण इस मौसम में उनका ख्याल रखना बेहद ही जरूरी होता है। अगर आपके घर में भी कोई बुजुर्ग हैं तो आपको सर्दियों में उनके स्वास्थ्य से संबंधित कुछ जरूरी बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है।
चलिए ऐसी ही जरूरी बातों के बारे में जानते हैं।
#1
बुजुर्गों की दिनचर्या में शामिल करें व्यायाम
मौसम चाहें कोई भी हो, बुजुर्गों के स्वास्थ के लिए शारीरिक सक्रियता बहुत जरूरी है, इसलिए उनकी दिनचर्या में कुछ हल्की-फुल्की एक्सरसाइज जरूर शामिल करें।
आप उन्हें स्ट्रेचिंग और बैलेंस जैसी कई आसान एक्सरसाइज कराकर सर्द मौसम में भी फिट एंड फाइन रख सकते हैं।
अगर आपके बुजुर्गों को एक्सरसाइज करना पसंद नहीं है तो आप उन्हें वृक्षासन, मत्स्यासन, ताड़ासन और व्रजासन आदि योगासनों का अभ्यास भी करा सकते हैं।
#2
त्वचा का ऐसे रखें ध्यान
सर्दियों में बुजुर्गों को भी रूखी त्वचा का सामना करना पड़ता है और उन्हें इससे बचाने के लिए आपको कुछ बातों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
उदाहरण के लिए बुजुर्गों की त्वचा की सफाई करनी हो तो गुनगुने पानी का इस्तेमाल करें और माइस्चराइजर के तौर पर उनके हाथ-पैरों पर नारियल का हल्का गर्म तेल लगाएं।
इसके बाद उन्हें कुछ मिनट धूप में बैठने के लिए कहे क्योंकि यह भी उनकी त्वचा और शरीर के लिए अच्छा है।
#3
डाइट पर दें ध्यान
बुजुर्गों की डाइट में एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन्स और एंटीबायोटिक गुणों से भरपूर गाजर, भूरे चावल, संतरा, पपीता, बादाम, हल्दी वाला दूध और सब्जियों का सूप जैसे खाद्य पदार्थ जरूर शामिल करें।
इसके अलावा सर्द मौसम में बुजुर्गों को हल्का गर्म भोजन परोसना अच्छा विचार हो सकता है। इसके साथ ही समय-समय पर उन्हें पीने के लिए हल्का गर्म पानी देते रहें। गर्म भोजन और गर्म पानी दोनों ही सर्दियों में बुजुर्गों को स्वस्थ रखने में मददगार हैं।
#4
जरूरी दवा हमेशा घर पर रखें
सर्दियों में बुजुर्गों को संक्रमण होने का अधिक खतरा रहता है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है और वे संक्रमण से जल्दी प्रभावित हो जाते हैं।
इसलिए संक्रमणों से बचाव के लिए कुछ जरूरी दवा हमेशा अपने घर पर रखें।
इसके साथ ही उन्हें घर से अधिक बाहर नहीं निकलने दें। समय-समय पर उनसे यह पूछते रहें कि उनको कोई परेशानी तो नहीं हो रही है। समय-समय पर उनकी डॉक्टरी जांच भी कराते रहें।