
मंद्र सप्तक में गाना सीखने के लिए गायकों को रखना चाहिए इन बातों का ध्याना
क्या है खबर?
संगीत में 3 सप्तक होते हैं, जिनमें मंद्र सप्तक सबसे निचला होता है। निचले सुर में गाना एक कला है, जो न केवल आवाज को गहराई देता है, बल्कि संगीत के अलग-अलग रूपों का अनुभव करने का मौका भी देता है। इस लेख में हम आपको कुछ ऐसे सुझाव देंगे, जिनसे आप अपने निचली सुरों की गायकी को बेहतर बना सकते हैं। इन सुझावों को अपनाकर आप अपनी आवाज को सुधार सकते हैं और बेहतरीन गायक बन सकते हैं।
#1
गहरी सांस लेना सीखें
गहरी सांस लेना निचले सुर में गाने के लिए बहुत जरूरी है। जब आप गहरी सांस लेते हैं तो आपकी आवाज में स्थिरता आती है और आप लंबे समय तक गा सकते हैं। इसके लिए रोजाना कुछ मिनट गहरी सांस लेने का अभ्यास करें। इससे आपके फेफड़े मजबूत होंगे और आपकी आवाज में गहराई आएगी। गहरी सांस लेने से गले की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं, जिससे आप आसानी से निचले सुर में गा सकते हैं।
#2
सही मुद्रा अपनाएं
गाना गाते समय सही मुद्रा अपनाना बहुत जरूरी होता है। सीधे खड़े होकर या बैठकर गाना गाएं, जिससे आपके फेफड़ों तक हवा पूरी तरह से पहुंचेगी। इसके अलावा, कंधों को ढीला छोड़ें और पेट की मांसपेशियों का उपयोग करें, ताकि आपकी आवाज साफ निकले। सही मुद्रा से न केवल आपकी आवाज में सुधार होगा, बल्कि आप निचले सुरों को भी पक्का कर सकेंगे। इससे निचले सुरों को छूते समय आपका गला बंद नहीं पड़ेगा।
#3
नियमित अभ्यास करें
नियमित अभ्यास किसी भी कला में निपुणता हासिल करने के लिए जरूरी होता है। रोजाना कुछ मिनट मंद्र सप्तक में गाने का रियाज करें। इसके लिए मंद्र सप्तक के सभी सुरों को एक-एक करके देर तक गाने की कोशिश करें। इससे आपकी आवाज में स्थिरता आएगी और आप बेहतर तरीके से गा सकेंगे। इसके अलावा, अलग-अलग गानों को निचले सुर में गाने की कोशिश करें, ताकि आपकी आवाज और तकनीक में सुधार हो सके।
#4
गर्म पानी का सेवन करें
गर्म पानी गले की मांसपेशियों को आराम देता है और आपकी आवाज को साफ कर सकता है। सुबह-सुबह खाली पेट गर्म पानी पीने से दिनभर की थकान दूर होती है और गले की खराश भी दूर हो जाती है। इसके अलावा, आप इसमें शहद या नींबू मिला सकते हैं, जिससे इसका प्रभाव और भी बढ़ जाता है। गर्म पानी से गले की सिखाई होगी, जिसकी मदद से मंद्र सप्तक में गाने में आसानी होगी।
#5
गाने के बोलों को समझें
गाने के बोलों को समझना बहुत जरूरी है, ताकि आप सही भावनाओं के साथ गा सकें। जब आप गाने के बोलों को समझते हैं तो आपकी आवाज में प्राकृतिक भावनाएं आती हैं, जिससे आपका प्रदर्शन और भी बेहतर होता है। इससे निचले सुरों में भी भाव निखरकर आएंगे। इन सभी सुझावों को अपनाकर आप अपनी निचले सुर की गायकी को बेहतर बना सकते हैं और संगीत में नई ऊंचाइयों तक पहुंच सकते हैं।