कहीं फैट कम होने की बजाय मांसपेशियां कमजोर तो नहीं हो रहीं? इन संकेतों से पहचानें
वजन नियंत्रित करने वाले प्रोग्राम फॉलो करने के दौरान यह उम्मीद की जाती है कि इससे फैट कम होगा और मांसपेशियों को मजबूती मिलेगी। हालांकि कभी-कभी देखने में आता है कि वजन घटने की बजाय मांसपेशियां कमजोर होनी शुरू हो जाती हैं और इससे स्वास्थ्य प्रभावित होता है। आइए आपको कुछ ऐसे संकेतों के बारे में बताते हैं जिनकी मदद से आप पहचान कर सकते हैं कि आपकी मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं।
थकान और सुस्ती महसूस होना
अगर आप बहुत ज्यादा सुस्ती का सामना करते हैं या फिर आप पूरा दिन थकान महसूस करते हैं तो यह आपकी मांसपेशियों के कमजोर होने का संकेत हो सकता है। इसके अलावा वजन कम करने के चक्कर में ठीक से न खाने की स्थिति में भी आपको मांसपेशियों की कमजोरी का सामना करना पड़ सकता है। इसलिए बेहतर होगा कि आप वजन कम करने के लिए कोई भी प्रोग्राम डॉक्टर की सलाह के बाद ही फॉलो करें।
तेजी से वजन घटाने की कोशिश
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि जिनका भी वजन अधिक होता है, वह जल्द से जल्द उसे कम करना चाहते हैं। सात दिन में सात किलो वजन घटाएं, इस तरह के शब्द सुनने में काफी आकर्षक लगते हैं, लेकिन यह आपकी मांसपेशियों के लिए अच्छा नहीं है। जब आप तेजी से वजन घटाते हैं तो आप फैट से ज्यादा मांसपेशियों को कमजोर करते हैं। इसलिए प्रभावी ढंग से वजन घटाने के लिए आपको थोड़ा संयम बरतना चाहिए।
वर्कआउट के समय परेशानी
किसी भी वर्कआउट सेशन के दौरान थोड़ी बहुत परेशानी होना लाजमी है, लेकिन अगर वर्कआउट के दौरान आपको एक्सरसाइज करना इतना कठिन लगता है कि आप इसे पूरी तरह से छोड़ देना पसंद करते हैं तो यह इस बात का संकेत हो सकता है कि आपकी मांसपेशियां कमजोर हो रही हैं। वर्कआउट करते समय कम ताकत महसूस होना या फिर एक ही एक्सरसाइज को वापस करते वक्त समान वजन न उठा पाना भी मांसपेशियों में कमजोरी का संकेत होते हैं।
वजन उठाने में दिक्कत होना
इस बात से साफ जाहिर होता है कि आपकी मांसपेशियां कमजोर होने लगी हैं क्योंकि जब शरीर की मांसपेशियां कमजोर होने लगती हैं तो इससे वजन उठाने में समस्या होने लगती है। अगर आप वजन नहीं उठा पा रहे हैं तो इसकी वजह से आपको वर्कआउट सेशन सामान्य से अधिक तनावपूर्ण लग सकता है। ऐसी कोई भी समस्या होेन पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और जांच कराएं।