सर्दियों में बढ़ जाती है डिप्रेशन की समस्या, जानें क्या है इसका उपाए
आज के समय में ज्यादातर लोग बीमारी की गिरफ्त में हैं। कोई छोटी बीमारी से पीड़ित है तो कोई बड़ी बीमारी से पीड़ित है। आधुनिक युग में लोगों की जीवनशैली में तेजी से बदलाव हुआ है, इसी वजह से लोग तनाव और डिप्रेशन (अवसाद) जैसी समस्या से जल्द ही घिर जाते हैं, खासकर सर्दियों में। दरअसल, सर्दियों में डिप्रेशन की समस्या बढ़ जाती है, जिसे सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (SID) के नाम से जाना जाता है। तो आइए जानें इसका कारण।
इस वजह से सर्दियों में बढ़ जाती है डिप्रेशन की समस्या
अगर आपको ऐसा लगता है कि सर्दियां आते ही आप दुखी हो जाते हैं तो ऐसा महसूस करने वाले आप अकेले नहीं हैं, क्योंकि इस मौसम में 40% लोग इस समस्या से घिर जाते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, इंसान के ब्रेन में एक मास्टर क्लॉक होती है, जो शरीर के दूसरे अंगों के कार्य को नियंत्रित करने करती है, जिसका प्रोत्साहन धूप से होता है। मगर, सर्दियों में धूप ज्यादा नहीं निकलती, जिसकी वजह से यह समस्या बढ़ जाती है।
क्या है सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर (SID)?
सर्दियों में दिन छोटे और रातें बड़ी हो जाती हैं, जिसके चलते जागने और सोने का समय असंतुलित हो जाता है और पर्याप्त सूरज की रोशनी यानी धूप नहीं मिल पाती। इस वजह से शरीर में मेलाटोनिन हार्मोन का प्रवाह बढ़ जाता है, जिससे व्यक्ति में शारीरिक व मानसिक सुस्ती और कमजोरी जैसे भाव महसूस होने लगते हैं। इतना ही नहीं यही हार्मोन सिरोटोनिन पर भी असर डालता है, जिससे डिप्रेशन का एक प्रकार यानी SID हो जाता है।
अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों में यह समस्या होने की बढ़ जाती है आशंका
कई शोध सहित कनाडा के डेटा में पाया गया कि अत्यधिक ठंडे क्षेत्रों में इस समस्या के होने की आशंका बढ़ जाती है। हालांकि, यह समस्या सबको प्रभावित नहीं करती है, क्योंकि यह कोई गंभीर बीमारी नहीं है। इसका इलाज संभव है। बस लक्षण दिखाई देने पर इसके प्रति सतर्कता बरतनी जरूरी है। 18 से 25 वर्ष के लोग इस समस्या से ज्यादा प्रभावित हो सकते हैं और पुरुषों की अपेक्षा महिलाओं में इसका खतरा दो-तीन गुना बढ़ जाता है।
सीजनल इफेक्टिव डिसऑर्डर के लक्षण
थकान, सिर में दर्द की समस्या, आलस, काम में मन न लगना, अकेलापन, बैचेन रहना और छोटी बातों को लेकर तनाव में आ जाना आदि यह सब मौसमी तनाव यानी सीजनल डिप्रेशन के सामान्य लक्षण हैं।
इस समस्या से बचाने में मददगार हैं ये उपाय
यदि इस समस्या का असर ज्यादा नहीं है तो विटामिन-डी सप्लीमेंट या धूप में रहना लाभप्रद हो जाता है। लेकिन अगर स्थिति गंभीर है तो लाइट थेरेपी के साथ ताजी हरी सब्जियों, फल, अंकुरित अनाज आदि का सेवन फायदेमंद साबित हो सकता है। इतना ही नहीं तनाव महसूस किए जाने पर अपने निजी लोगों के साथ समय व्यतीत करें। साथ ही खुद से ही अपनी लाइफ एंजाय करें और मूड को ठीक रखने की कोशिश करें।