प्रसारिता पादोत्तनासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और अन्य महत्वपूर्ण बातें
ऐसे कई रोग हैं जो व्यक्ति के शरीर को अंदर ही अंदर से खत्म करते रहते हैं। हालांकि योग को अपनाकर शरीर को इस तरह के कई तरह के रोगों की चपेट में आने से बचाया जा सकता है। योग में कई तरह के आसन होते हैं और इस कड़ी में आज हम प्रसारिता पादोत्तासन के अभ्यास का तरीका, इसके फायदे और इसकी अन्य कुछ महत्वपूर्ण बातें बताने जा रहे हैं। चलिए फिर जानते हैं।
प्रसारिता पादोत्तनासन के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े होकर पैरों को तीन से चार फीट तक खोलें। अब एक गहरी सांस लेकर पीठ को धीरे-धीरे नीचे की तरफ झुकाएं और सिर को जमीन से सटाने की कोशिश करें। फिर सांस छोड़ें और धीरे-धीरे कूल्हों को ऊपर की तरफ उठाएं। इसके बाद अपने हाथों से दोनों पैरों के अंगूठों को पकड़ें। कुछ देर इसी मुद्रा में सामान्य रूप से सांस लेते रहें और फिर एक-दो मिनट बाद धीरे-धीरे आसन को छोड़ दें।
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपको पीठ के निचले हिस्से में दर्द की परेशानी है तो प्रसारिता पादोत्तासन का अभ्यास न करें। गर्भवती महिलाओं को भी इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए। अगर आपको पेट संबंधित कोई समस्या है या आपकी कोई सर्जरी हुई है तो भी इस योगासन का अभ्यास न करें। प्रसारिता पादोत्तासन के अभ्यास के दौरान अपनी शारीरिक क्षमता से अधिक जोर न लगाएं क्योंकि इससे चोट लगने की संभावना बढ़ सकती है।
प्रसारिता पादोत्तनासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
प्रसारिता पादोत्तनासन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी को मजबूती मिलती है। यह आसन पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में भी सहायक होता है। प्रसारिता पादोत्तनासन को नियमित रूप से करने से पीठ दर्द से भी राहत मिलती है। दिमाग को शांत करने के लिए भी इस योगासन का अभ्यास करना लाभकारी है। यह योगासन शरीर की संतुलन शक्ति को भी बढ़ाता है और यह गले से जुड़ी समस्याओं से राहत दिलाने में भी काफी मदद कर सकता है।
प्रसारिता पादोत्तनासन के अभ्यास से जुड़ी विशेष टिप्स
किसी भी कठिन योगासन का अभ्यास करने से पहले प्रसारिता पादोत्तनासन करना लाभदायक साबित हो सकता है। योगाभ्यास के प्रत्येक चरण को बारीकी से समझें और इसके बाद ही अभ्यास करें। प्रत्येक चरण के साथ सांस लेने और छोड़ने की प्रक्रिया का भी विशेष ध्यान रखें। इस योगासन का अभ्यास खाली पेट और ढीले कपड़े पहनकर किया जाए तो काफी लाभदायक होता है। इस योगासन के अभ्यास के लिए सुबह का समय उचित माना जाता है।