ललित मोदी ने भारत छोड़ ली वानुआतु की नागरिकता, जानिए इस देश की 5 खास बातें
क्या है खबर?
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) के संस्थापक ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है।
वित्तीय अपराधों के चलते उन्हें भगोड़ा करार दिया गया है, जिसके बाद ही उन्होंने यह कदम उठाया। अब मोदी ने वानुआतु की नागरिकता हासिल कर ली है, जो दक्षिण प्रशांत द्वीप राष्ट्र है।
इस देश का 'गोल्डन पासपोर्ट' 113 देशों में वीजा-मुक्त प्रवेश की अनुमति देता है। आइए इस देश की 5 खास बातें जानते हैं।
#1
छोटे ज्वालामुखी द्वीपों से मिलकर बना है वानुआतु
वानुआतु देश 83 छोटे-छोटे ज्वालामुखी द्वीपों से मिलकर बना है, जो ऑस्ट्रेलिया के पूर्व और न्यूजीलैंड के उत्तर में स्थित है।
इस देश का कुल भू-क्षेत्र 12,199 वर्ग किलोमीटर है और इसके सबसे उत्तरी और दक्षिणी द्वीप 1,300 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं।
वानुआतु कई सक्रिय ज्वालामुखियों का घर भी है। यहां का सबसे प्रसिद्ध ज्वालामुखी तन्ना द्वीप पर स्थित है, जिसे माउंट यासुर कहते हैं।
पर्यटक यहां आ कर इस ज्वालामुखी को फटते हुए देख सकते हैं।
#2
नहीं देना पड़ता है कोई कर
वानुआतु का सबसे मुख्य आकर्षण यहां की कर प्रणाली है। यह देश किसी भी नागरिक पर व्यक्तिगत आय कर, पूंजीगत लाभ कर या विरासत कर नहीं लगाता है।
यह नीति आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और अंतरराष्ट्रीय व्यापार को आकर्षित करने के प्रयासों का हिस्सा है।
आपको जानकर हैरानी होगी कि अब तक भारत के कुल 30 व्यापारी इस देश की नागरिकता ले चुके हैं, जिनमें मोदी भी शामिल हैं।
#3
दुनिया के सबसे खुशहाल देशों में से एक
वर्ल्ड हैप्पीनेस रिपोर्ट के अनुसार, वानुआतु अक्सर दुनिया के सबसे खुशहाल देशों की सूची में शीर्ष स्थान हासिल करता है।
सीमित संसाधनों वाला एक छोटा द्वीप राष्ट्र होने के बावजूद, वानुआतु के लोग खुशहाली से जीवन बिताते हैं। वे एक दूसरे के साथ मिल-जुलकर रहते हैं और प्रकृति का भी खास ख्याल रखते हैं।
2021 में वानुआतु हैप्पी प्लैनेट इंडेक्स में दूसरे स्थान पर रहा था, जो खुशहाली और पर्यावरणीय प्रभाव को मापने वाली रिपोर्ट होती है।
#4
नोएडा से भी कम है यहां की जनसंख्या
2023 की जनगणना के मुताबिक, वानुआतु की जनसंख्या महज 3.2 लाख है। 2011 में की गई जनगणना के अनुसार, यह नोएडा की आबादी (637,272) के आधे से भी कम है।
2009 और 2020 के बीच इस देश की औसत वार्षिक जनसंख्या वृद्धि 2.3 प्रतिशत थी। बिस्लामा वानुआतु की राष्ट्रीय भाषा है, जबकि फ्रेंच और अंग्रेजी आधिकारिक भाषाएं हैं।
यहां विभिन्न मेलानेशियाई जातीय समूहों के लोग रहते हैं और अधिकांश लोग ईसाई धर्म के साथ-साथ पारंपरिक रीति-रिवाजों का पालन करते हैं।
#5
नागरिकता बेचकर यह देश कमाता है पैसा
वानुआतु की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार, इस देश की अर्थव्यवस्था मुख्य रूप से जीविका या कृषि पर आधारित है।
इसके अलावा, यहां के लोग मछली पकड़कर भी अपना पेट पालते हैं। वानुआतु पर्यटन को बढ़ाने पर खास ध्यान देता है, क्योंकि इसके जरिए भी इस देश की कमाई होती है।
वानुआतु की 30 प्रतिशत आय नागरिकता बेचने से आती है, जिसकी कीमत करीब 1.18 करोड़ रुपये से लेकर 1.35 करोड़ रुपये के बीच होती है।