
मानसून के दौरान घूमने के लिए बेहतरीन माना जाता है केरल, जानिए क्यों
क्या है खबर?
केरल को मानसून का घर भी कहा जाता है क्योंकि यह राज्य हर साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की मेहमाननवाजी करता है।
यहां मानसून का आगमन जून के अंत में होता है और यह जुलाई से अगस्त के बीच तक रहता है। केरल में मानसून के दौरान न केवल मूसलधार बारिश होती है, बल्कि उमस भरी गर्मी भी महसूस होती है।
आइए जानते हैं कि मानसून के दौरान केरल घूमने क्यों जाना चाहिए।
#1
आयुर्वेदिक उपचार के लिए है सबसे अच्छा
केरल को आयुर्वेद का केंद्र माना जाता है। यहां कई ऐसे आयुर्वेदिक केंद्र हैं, जो आपको तनाव से मुक्त करने के साथ-साथ कई बीमारियों का इलाज भी कर सकते हैं।
यहां की हरियाली और शांत माहौल में आयुर्वेदिक उपचार लेना एक अलग अनुभव है। यहां के आयुर्वेदिक केंद्रों में अनुभवी चिकित्सक और आधुनिक सुविधाएं मौजूद हैं, जो आपके स्वास्थ्य को बेहतर बना सकते हैं।
यहां पर आप पंचकर्म, शिरोधारा, अभ्यंगम, स्वेदनम और नस्य जैसे कई उपचार कर सकते हैं।
#2
मानसून के दौरान कम हो जाती है भीड़
मानसून के दौरान केरल में पर्यटक काफी कम होते हैं, इसलिए यहां की यात्रा करना बहुत आरामदायक है।
मानसून के कारण यहां के समुद्र तटों पर भी पर्यटक नहीं होते हैं, जिस वजह से आप वहां शांति और सुकून का आनंद ले सकते हैं।
मानसून के दौरान केरल में ठंडा मौसम रहता है, जो यात्रा को और भी सुखद बना देता है। यहां की हरियाली और प्राकृतिक सुंदरता मानसून में और भी खिल उठती है।
#3
मनमोहक हैं यहां के झरने
केरल में मानसून के दौरान झरने अपने पूरे शबाब पर होते हैं। यहां पर कई ऐसे खूबसूरत झरने हैं, जो मानसून में खुलकर अपना नजारा दिखाते हैं।
इन झरनों को देखने का अनुभव बहुत ही अनोखा और रोमांचक है। यहां के झरनों का पानी साफ और ठंडा होता है, जो आपको तरोताजा कर देता है।
मानसून में झरनों का दृश्य बहुत ही सुंदर और मनमोहक होता है, जो आपको मंत्रमुग्ध कर देता है।
#4
केरल के बैकवाटर्स हैं आकर्षण का केंद्र
केरल के बैकवाटर्स पूरे देश में सबसे खूबसूरत बैकवाटर्स में से एक हैं। यहां पर आप नाव में बैठकर बैकवाटर्स का आनंद ले सकते हैं।
नाव में बैठकर आप गांवों, खेतों और जंगलों को करीब से देख सकते हैं। यहां पर आप स्थानीय लोगों की जिंदगी को भी देख सकते हैं और उनके साथ बातचीत कर सकते हैं।
यह अनुभव बहुत ही अनोखा और रोमांचक है, जो आपको केरल की संस्कृति और जीवनशैली से रूबरू कराता है।
#5
यहां की पारंपरिक संस्कृति है अनोखी
केरल की पारंपरिक संस्कृति बहुत ही अनोखी है, जो आपको मंत्रमुग्ध कर देती है। यहां पर आप कथकली, मोहिनीअट्टम, तेय्यम जैसे विभिन्न नृत्य रूप देख सकते हैं।
इन नृत्य रूपों में कलाकार अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं, जो दर्शकों को बहुत ही प्रभावित करता है।
इसके अलावा यहां की पारंपरिक संगीत का भी आनंद लिया जा सकता है। केरल की पारंपरिक संस्कृति बहुत ही समृद्ध और विविधतापूर्ण है।