जिन व्यंजनो को बड़े चाव से खाते हैं आप, वो वास्तव में नहीं हैं भारतीय
क्या है खबर?
भारतीय थाली कई व्यंजनों से भरी है और ये बताना मुश्किल है कि कौन-सा व्यंजन कहां से आया है। भारतीय थाली में शामिल व्यंजनों की जड़ें दुनिया के अलग-अलग हिस्सों में हैं और कुछ यूरोप से आए हैं तो कुछ अमेरिका से।
चलिए फिर आज आपको कुछ ऐसे व्यंजनों के बारे में बताते हैं जिन्हें आप आज तक भारतीय समझ कर खाते रहे हैं, लेकिन वे असल में भारतीय नहीं हैं।
#1
समोसा
समोसे का जायका भारतीय लोगों से कुछ इस तरह से जुड़ गया कि लोग अब इसे भारतीय ही मानते हैं। हालांकि यह भारतीय व्यंजन नहीं है और यह मध्य-पूर्व के व्यापारियों के जरिए 13वीं-14वीं शताब्दी में भारत आया था।
हैरानी की बात तो यह है कि सदियों लंबी अपनी यात्रा के बाद भी इसका स्वाद लोगों की जुबां पर आज तक बरकरार है। समय-समय पर इसके साथ कई तरह के प्रयोग भी होते रहते हैं।
#2
राजमा
काफी समय से भारतीय खान-पान का हिस्सा राजमा भी इसी सूची में शामिल हैं क्योंकि यह मैक्सिको और ग्वाटेमाला से भारत पहुंचा है। आज भी मैक्सिकन व्यंजनों में इसका इस्तेमाल मुख्य रूप से किया जाता है।
राजमा की सबसे खास बात यह है कि ये कई तरह के पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और इसलिए इनका सेवन स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी माना जाता है।
#3
आलू
सुनने में भले ही आपको अजीब लगे, लेकिन भारतीय खान-पान का अहम हिस्सा बन चुका आलू भी भारतीय नहीं है।
यह पेरू और बोलिविया की देन है और यही से निकलकर इसने पूरी दुनिया को अपना दीवाना बना दिया है। यही वजह है कि आज यह कई देशों में एक मुख्य फसल बन गया है।
भारत में भी इसकी खेती बड़े स्तर पर होती है और यह साल भर बाजारों में उपलब्ध रहता है।
#4
जलेबी
जलेबी को देखते ही मुंह में पानी आना लाजमी है क्योंकि इसका स्वाद होता ही इतना लाजवाब है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि जलेबी भी भारतीय व्यंजन नहीं है।
दरअसल, जलेबी वास्तव में मध्य-पूर्व देशों से आई है और इसलिए इसे मूल रूप से जालबिया (अरबी) या जालिबिया (फारसी) कहा जाता है।
माना जाता है कि यह फारसी आक्रमणकारियों के जरिए भारत तक पहुंची है। आज इसके विभिन्न रूप देशभर में प्रसिद्ध हैं।