क्या आपके बच्चे को स्कूल में बुली किया जा रहा है? इन संकेतों से लगाएं पता
क्या है खबर?
बच्चों के लिए स्कूल एक जरूरी जगह होती है, जहां वे दोस्त बनाते हैं और नई चीजें सीखते हैं, लेकिन कभी-कभी कुछ बच्चे अपने सहपाठियों को बुली कर देते हैं। यह परेशानी कई रूपों में हो सकती है, जैसे कि शारीरिक या मानसिक दबाव। यह लेख माता-पिता को मदद करेगा कि वे अपने बच्चों में बुली किए जाने के संकेत पहचान सकें और उन्हें सुरक्षित महसूस करवाने के लिए क्या कदम उठा सकते हैं।
#1
बच्चे का व्यवहार बदलना
अगर आपका बच्चा अचानक से अपना व्यवहार बदलता हुआ दिख रहा है और ज्यादा चुप या उदास रहता है तो यह बुली किए जाने का संकेत हो सकता है। बच्चे का स्कूल जाने का मन न करना, दोस्तों से दूर रहना या पढ़ाई में दिलचस्पी न लेना ऐसे संकेत हैं जो इस समस्या की ओर इशारा कर सकते हैं। इन बदलावों पर ध्यान दें और अपने बच्चे से खुलकर बात करें ताकि आप उसकी समस्या को समझ सकें।
#2
नींद में परेशानी होना
अगर आपका बच्चा रात को ठीक से सो नहीं पा रहा है और बार-बार उठकर परेशान हो रहा है तो यह भी एक संकेत हो सकता है। बच्चे का डरावने सपने देखना या रात भर करवटें लेना यह दर्शाता है कि वह मानसिक रूप से बहुत दबाव में है। इस स्थिति में उसे शांत करने की कोशिश करें और उसके साथ समय बिताएं ताकि वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।
#3
शारीरिक चोटें आना
अगर आपके बच्चे के शरीर पर अनजान चोटें पाई जाती हैं, खासकर उसके हाथों या पैरों पर तो यह भी एक अहम संकेत हो सकता है। बच्चे का खुद को चोट पहुंचाना, खरोंच लेना या चोट लगाना यह दर्शाता है कि वह मानसिक रूप से बहुत दबाव में है। इस स्थिति में उसे तुरंत डॉक्टर से दिखाएं और उसके साथ समय बिताएं ताकि वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।
#4
सामाजिक संपर्क कम करना
अगर आपका बच्चा अपने दोस्तों से मिलना-जुलना कम कर रहा है और घर पर ही रहना पसंद कर रहा है तो यह भी एक अहम संकेत हो सकता है। बच्चे का स्कूल जाना कम करना, दोस्तों से दूर रहना या किसी भी प्रकार के सामाजिक संपर्क से बचना यह दर्शाता है कि वह मानसिक रूप से बहुत दबाव में है। इस स्थिति में उसे खुलकर बात करने के लिए प्रेरित करें।
#5
पढ़ाई में ध्यान न देना
अगर आपका बच्चा अपनी पढ़ाई में ध्यान नहीं दे पा रहा है और लगातार गलतियां कर रहा है तो यह भी एक अहम संकेत हो सकता है। बच्चे का स्कूल में ध्यान न देना, गलतियां करना या पढ़ाई में दिलचस्पी न लेना यह दर्शाता है कि वह मानसिक रूप से बहुत दबाव में है। इस स्थिति में उसे शांत करने की कोशिश करें और उसके साथ समय बिताएं ताकि वह खुद को सुरक्षित महसूस कर सके।