फेफड़ों का इस तरह से रखेंगे ख्याल तो नहीं होंगी स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं
फेफड़े शरीर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जो दिल समेत शरीर के अन्य हिस्सों में ऑक्सीजन पहुंचाने का काम करते हैं। लेकिन बढ़ते प्रदूषण स्तर की वजह से फेफड़ों को क्षति पहुंच रही है, जिस वजह से इनका अच्छे से ख्याल रखना जरूरी है। जलवायु परिवर्तन और मौसमी इन्फ्लूएंजा भी फेफड़ों की क्षमता को कम करने के मुख्य कारण हैं। इसलिए आज हम आपको कुछ आसे टिप्स बताने जा रहे हैं, जिनको अपनाने से आपके फेफड़े स्वस्थ रह सकते है।
अपनी डाइट में शामिल करें एंटीऑक्सिडेंट खाद्य पदार्थ
एंटीऑक्सिडेंट खाद्य पदार्थ के सेवन से शरीर को क्षति पहुंचाने वाले मुक्त कणों को खत्म करने में मदद मिलती है। दरअसल, आज लोग जिस हवा में सांस ले रहे हैं, उसमें मौजूद प्रदूषक कण शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और श्वास नली में जमा हो जाते हैं, जिससे सांस लेने में समस्या होती है। एंटीऑक्सिडेंट खाद्य पदार्थों का सेवन करके इन प्रदूषक कणों से निजात मिल सकता है, इसलिए अपनी डाइट में एंटीऑक्सिडेंट खाद्य पदार्थों का शामिल करें।
नियमित रूप से करें व्यायाम और योगासनों का अभ्यास
फेफड़ो को स्वस्थ रखने के लिए आप रोजाना हल्के-फुल्के व्यायाम का अभ्यास करना शुरू कर दें। व्यायाम के तौर पर आप स्ट्रेचिंग, पुश-अप्स और स्क्वाट जैसी एक्सरसाइस करके अपने आपको फिट एंड फाइन रख सकते हैं। इसके अलावा, आप अपने दिनचर्या में कुछ प्रणायाम जैसे कपालभाति और अनुलोम-विलोम आदि को शामिल करके फेफड़ो के स्वास्थ्य का ख्याल रख सकते हैं। साथ ही आप एरोबिक एक्ससाइज जैसे दौड़ना, स्वीमिंग आदि को भी अपने दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
फेफड़ो के स्वास्थ्य के लिए वार्षिक टीकाकरण जरूर करवाएं
कई अध्ययनों के मुताबिक, स्वस्थ फेफड़ों के लिए आपको अपने चिकित्सक द्वारा निर्धारित इन्फ्लूएंजा और निमोनिया के लिए वार्षिक टीकाकरण करवाने चाहिए। ये टीके शरीर को मजबूत बनाते हैं साथ ही इन बीमारियों से बचाते हैं। इसके अलावा, अपने डॉक्टर से नियमित रूप से सलाह लें और समय-समय पर पूरे शरीर की जांच करवाएं। फेफड़े के रोग आमतौर पर बहुत गंभीर होते हैं, इसलिए पहले से ही सावधानी बरतना बेहतर है।
ध्रुमपान से बना लें सौ कोस की दूरी
ध्रुमपान करने से श्वास की नली कमजोर हो जाती है, जिस वजह से सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसके अलावा, इससे ब्रोंकाइटिस और वातस्फीति जैसी गंभीर बीमारियां भी हो सकती हैं। साफ शब्दों में कहा जाए तो ध्रुमपान का धुआं फेफड़ों की कोशिकाओं को नुकसान पहुंचाता है, जिससे फेफड़ों का कैंसर हो सकता है। इसलिए अगर आप ध्रुमपान के बिना नहीं रह पाते हैं तो आज से जीना सीख जाइए! क्योंकि बात आपके स्वास्थ्य की है।