उत्थित पार्श्वकोणासन: इस योगासन के अभ्यास का तरीका, फायदे और अन्य अहम बातें
इस बात में कोई दो राय नहीं है कि नियमित तौर पर किया जाने वाला योगाभ्यास आपको स्वस्थ रखने में अहम भूमिका अदा कर सकता है। हालांकि, कुछ योगासन ऐसे हैं, जिनका नाम आपने शायद ही कभी सुना हो। ऐसा ही एक योग उत्थित पार्श्वकोणासन है, जिसका रोजाना अभ्यास कई रोगों को दूर रखने का काम कर सकता है। इसलिए आज हम आपको इस योगासन से जुड़ी कुछ खास बातें बताने जा रहे हैं तो चलिए फिर जानते हैं।
उत्थित पार्श्वकोणासन के अभ्यास का तरीका
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर दोनों पैरों को एक दूसरे से दूर फैला लें। अब दाहिने पैर के पंजे को बाहर की तरफ घुटने से धीरे-धीरे मोड़ें और उसी मुद्रा में नीचे की ओर बैठें। फिर अपने दाएं हाथ को दाएं पैर के पास जमीन पर रखें और बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा 90 डिग्री के एंगल में रखने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने की कोशिश करें, फिर धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
1) अगर आपको रीढ़ की हड्डी या घुटनों से जुड़ी कोई समस्या या दर्द है तो इस योगासन का अभ्यास करने से बचें। 2) अगर आप कंधे से जुड़ी किसी समस्या से परेशान हैं तो आपको इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए क्योंकि इसके कारण आपकी समस्याएं बढ़ सकती है। 3) मासिक धर्म के दौरान महिलाएं को यह योगासन नहीं करना चाहिए। 4) खाना खाने के तुरंत बाद इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
उत्थित पार्श्वकोणासन के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अगर आप नियमित तौर पर उत्थित पार्श्वकोणासन का अभ्यास करते हैं तो इससे आपको कई तरह के शारीरिक और मानसिक लाभ मिल सकते हैं। उदाहरण के लिए इस योगासन के अभ्यास से पूरे शरीर की मांसपेशियों में मजबूती आती है। इसके अलावा इससे शरीर के लचीलेपन को भी बढ़ावा मिलता है और रीढ़ की हड्डी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। वहीं, इससे दिमाग को शांति भी मिलती है और चिंता आदि से भी दूरी बनी रहती है।
उत्थित पार्श्वकोणासन के अभ्यास से जुड़ी महत्वपूर्ण टिप्स
1) अगर आप पहली बार इस योगासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें। फिर इसका अभ्यास करने की कोशिश करें। 2) संभव हो सके तो किसी योग शिक्षक की निगरानी में इसका अभ्यास करें। 3) इस योगासन का अभ्यास करने से पहले कुछ हल्की-फुल्की स्ट्रैचिंग एक्सरसाइज कर लें। 4) इस योगासन को करते समय ज्यादा कसे हुए कपड़े न पहनें।