पेचिश: जानिए पेट से जुड़ी इस बीमारी के कारण, लक्षण और बचाव के उपाय
पेचिश पेट से जुड़ी बीमारी है जो शिगेला नामक बैक्टीरिया और एटामोइबा हिस्टोलिटिका नामक पैरासाइट इन्फेक्शन के कारण होती है। इससे पीड़ित व्यक्ति का मल पानी की तरह निकलता है और मल के साथ खून भी आता है। हालांकि कई लोग इसे सामान्य दस्त की समस्या समझकर नजरअंदाज कर देते हैं और यह बीमारी गंभीर रूप धारण कर लेती है। चलिए आज आपको पेचिश से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें बताते हैं ताकि आप समय से इसका इलाज कर सकें।
पेचिश के कारण
दूषित भोजन, दूषित पानी का सेवन और दूषित पानी से नहाना आदि कारणों से पेचिश की समस्या हो सकती है। किसी संक्रमित व्यक्ति के शारीरिक संपर्क में आने के कारण भी इस बीमारी का सामना करना पड़ सकता है। शराब की लत, पोषण की कमी, कैंसर और अधिक संक्रमण वाली जगहों की यात्रा करने से भी पेचिश का खतरा बढ़ सकता है।
पेचिश के लक्षण
दस्त, बुखार, पेट दर्द और मल के साथ खून आना पेचिश के प्रमुख लक्षण हैं। इसके अतिरिक्त ठंड लगना या फिर पेट में ऐंठन होना भी पेचिश के आम लक्षण हैं। मतली, उलटी, मल त्यागने में दर्द होना और थकान होना भी पेचिश के लक्षण हो सकते हैं। अगर आपको खुद में पेचिश के हल्के लक्षण दिखते हैं तो इससे राहत पाने के लिए डॉक्टरी इलाज की जरूरत नहीं है क्योंकि यह समस्या अपने आप ही खत्म हो जाती है।
पेचिश का कैसे पता लगाया जा सकता है?
अगर आपको खुद में पेचिश से जुड़े कई लक्षण दिखाई देते हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। डॉक्टरी आपको ब्लड टेस्ट कराने की सलाह दे सकते हैं जिससे पेचिश की स्थिति का पता चल सकता है। इसके अलावा डॉक्टर आपकी आहार संबंधी आदतों और आपकी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में भी पूछ सकते हैं। डॉक्टर आपको सिगमॉइडोस्कोपी (Sigmoidoscopy) कराने का भी निर्देश दे सकते हैं। यह एक एंडोस्कोपी टेस्ट होता है जिससे बैक्टीरिया का पता लगाया जाता है।
पेचिश से बचाव के उपाय
पेचिश से बचे रहने के लिए साफ पानी और भोजन ग्रहण करें और खाना खाने से पहले हाथों को अच्छे से धोएं। अपने आसपास की जगह को साफ रखें और बाहर से आने के बाद अपने हाथों और पैरों को अच्छी तरह से धोएं। इसी के साथ समय-समय पर खुद का मेडिकल टेस्ट कराते रहें और अपने स्वास्थ्य को लेकर हमेशा जागरूक रहें। इस समस्या से बचने का बेहतर तरीका यह भी है कि गंदगी वाली जगहों से दूर रहें।