मकर संक्रांति: इस शुभ दिन पर क्या करना चाहिए और क्या नहीं?
क्या है खबर?
हिंदू धर्म में मकर संक्रांति का विशेष महत्व है, इसलिए हर साल यह त्योहार बड़ी ही धूमधाम से मनाया जाता है।
इस दिन को बहुत ही शुभ माना गया है क्योंकि इसी दिन सूर्य देव मकर राशि में प्रवेश करते हैं।
ऐसे में इस खास दिन कुछ बातों का विशेष रूप से ध्यान रखना जरूरी होता है। आइए आज हम आपको ऐसी ही कुछ बातों के बारे में बताते हैं।
#1
पवित्र नदी में स्नान से करें दिन की शुरुआत
ऐसा माना जाता है कि मकर संक्रांति के दिन गंगा जैसी पवित्र नदी में स्नान करने से सभी पापों से मुक्ति मिलती है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
इस वजह से लोग इस शुभ दिन की शुरुआत नदी में स्नान करने से करते हैं।
अगर किसी कारण कोई स्नान करने के लिए बाहर नहीं जा पा रहा है तो वह नहाने के पानी में गंगाजल की कुछ बूंदें डालकर नहा सकता है।
#2
दान करना भी है जरूरी
मकर संक्रांति के दिन दान करने से बहुत पुण्य मिलता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन किया गया दान सीधे भगवान को समर्पित होता है।
इसलिए इस खास दिन गरीबों और जरूरतमंदों को दान जरूर देना चाहिए।
इस त्योहार पर खिचड़ी खाना शुभ माना जाता है, इसलिए गरीबों को खिचड़ी का दान करें।
अगर कोई व्यक्ति अनाज का दान कर रहा है तो वह मुख्य रूप से काले तिल का दान करे।
जानकारी
सूर्य को जल देना बिल्कुल न भूलें
यह त्योहार सूर्य देव को समर्पित है, इसलिए इस दिन सूर्य देव की विशेष पूजा-अर्चना करें। इसके लिए जल में कुमकुम और काले तिल डालकर सूर्य देव को अर्पित करें और आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करें। इससे धन, प्रसिद्धि और शक्ति की प्राप्ति होगी।
#1, #2
मकर संक्रांति के दिन ये चीजें करने से बचें
1) मकर संक्रांति के दिन ऐसा भोजन करने से बचें, जिसमें मांस, लहसुन या प्याज का इस्तेमाल किया गया हो। इस शुभ दिन पर सिर्फ शुद्ध शाकाहारी भोजन का ही सेवन करना चाहिए।
2) मकर संक्रांति के दिन शराब का सेवन करने में भी बचना चाहिए। ऐसा नहीं करने से आर्थिक स्थिति बिगड़ने की संभावना होती है। याद रखें कि इस दिन शराब के सेवन से आपका परिवार सुख-समृद्धि से वंचित रह सकता है।
#3
गरीबों का अपमान करने से बचें
वैसे तो किसी भी दिन गरीब या असहाय व्यक्ति का अपमान नहीं करना चाहिए, लेकिन मकर संक्रांति के शुभ दिन ऐसा करने और कुछ भी नकारात्मक या अपशब्द बोलने की मनाही है।
ऐसा करने पर व्यक्ति पाप का सहयोगी बनता है और ऐसे लोगों को भगवान का आशीष नहीं मिलता है।
इसके अलावा अगर कोई गरीब व्यक्ति आपके दरवाजे कुछ लेने आए तो उसे खाली हाथ बिल्कुल भी नहीं भेजें।