रमजान के रोजे खोलने के लिए खजूर का सेवन क्यों होता है जरूरी? जानिए सब कुछ
क्या है खबर?
रमजान का महीना मुस्लिम समुदाय के लिए बहुत अहम होता है। इस दौरान रोजे रखे जाते हैं, जिसमें सूरज उगने से लेकर सूरज डूबने तक कुछ भी नहीं खाया जाता है।
रोजा खोलते समय खजूर का सेवन करना एक पारंपरिक और धार्मिक प्रथा है, लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर खजूर ही क्यों?
इसके पीछे कई वैज्ञानिक और धार्मिक कारण हैं, जो इसे खास बनाते हैं तो आइए जानें कि रमजान में खजूर क्यों खाया जाता है।
#1
भरपूर ऊर्जा प्रदान करने में है सहायक
रोजा रखने के बाद शरीर को तुरंत ऊर्जा की जरूरत होती है क्योंकि पूरे दिन बिना कुछ खाए-पिए रहने से शरीर में ऊर्जा की कमी हो जाती है।
खजूर में प्राकृतिक शक्कर होती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है। इसमें ग्लूकोज, फ्रक्टोज और सुक्रोज होते हैं, जो जल्दी पच जाते हैं और शरीर को ताजगी देते हैं।
इसलिए रोजा खोलते समय सबसे पहले खजूर खाने की सलाह दी जाती है ताकि शरीर को तुरंत ऊर्जा मिले।
#2
पाचन तंत्र के लिए है फायदेमंद
खजूर में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद करता है।
लंबे समय तक भूखे रहने से पेट खाली रहता है, जिससे कब्ज या अन्य पाचन समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में खजूर का सेवन पेट को आराम देता है और पाचन क्रिया को सुचारू बनाता है।
यह आंतों की सफाई करता है और कब्ज जैसी समस्याओं से राहत दिलाता है।
#3
पोषक तत्वों से है भरपूर
खजूर विटामिन्स और मिनरल्स का एक बेहतरीन स्रोत होता है, जिसमें विटामिन-B6, आयरन, मैग्नीशियम जैसे जरूरी तत्व शामिल होते हैं। ये पोषक तत्व शरीर की विभिन्न आवश्यकताओं को पूरा करते हैं और सेहत को बनाए रखते हैं।
आयरन रक्त निर्माण में सहायक होता है, जबकि मैग्नीशियम हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है।
रमजान के दौरान इन पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए खजूर का सेवन करना फायदेमंद होता है।
#4
धार्मिक महत्व
इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार पैगंबर मुहम्मद ने रोजा खोलते समय सबसे पहले खजूर खाने की सलाह दी थी। यह एक धार्मिक परंपरा बन गई है, जिसे मुस्लिम समुदाय आज भी पालन करता है।
खजूर का सेवन न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि यह शरीर को तुरंत ऊर्जा भी प्रदान करता है।
रमजान के दौरान खजूर का सेवन इस्लामिक परंपरा और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद माना जाता है।