बद्ध पद्मासन: जानिए इस योगासन के अभ्यास का तरीका, लाभ और अन्य महत्वपूर्ण बातें
स्वस्थ जीवनयापन के लिए योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करना एक अच्छा विचार है। अगर आप नियमित तौर पर कुछ मिनट योगाभ्यास के लिए निकालते हैं तो इससे बेहतर कुछ नहीं है क्योंकि इससे न सिर्फ शरीर तदुंरुस्त रहता है, बल्कि मन को शांत रखने में भी मदद मिलती है। आज हम आपको बद्ध पद्मासन के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके नियमित अभ्यास से कई शारीरिक और मानसिक लाभ मिलते हैं।
बद्ध पद्मासन के अभ्यास का तरीका
सबसे पहले योग मैट पर पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं और यह सुनिश्चित करें कि इस स्थिति में पैर के पंजे जांघों से बाहर की ओर निकलकर दोनों ओर से कमर को छू रहे हों। अब बाएं हाथ को पीठ के पीछे से लाते हुए दाएं पैर के अंगूठे को पकड़े और दाएं हाथ से बाएं पैर के अंगूठे को पकड़ें। कुछ क्षण इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे अपनी प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं।
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
पीठ, पेट, कंधे और घुटने में कोई समस्या या सर्जरी होने पर इस योगासन के अभ्यास से पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर लें। वहीं, घुटनों या टखनों में दर्द होने पर भी इस योगासन का अभ्यास न करें। इसके अतिरिक्त, अगर बद्ध पद्मासन का अभ्यास करते समय हाथ को पीठ के पीछे ले जाने में दर्द होता है तो ऐसे में आपको इस योगासन को नहीं करना चाहिए। इस योगासन का अभ्यास करते समय सांस सामान्य तरीके से लेनी चाहिए।
बद्ध पद्मासन के रोजाना अभ्यास से मिलने वाले फायदे
अगर आप रोजाना बद्ध पद्मासन का अभ्यास करते हैं तो इससे घुटनों और कूल्हों के जोड़ में लचीलापन बढ़ाता है और इस योगासन से कंधों, कलाईयों, पीठ, कोहनियों, घुटनों, और टखनों में मजबूती आती है। वहीं, यह योगासन पीठ की मांसपेशियों में मजबूती लाता है और रीढ़ की नसों में रक्त परिसंचरण को बढ़ाता है। इसके अतिरिक्त इस योगासन के नियमित अभ्यास से पाचन क्रिया पर सकारात्मक असर पड़ता है।
बद्ध पद्मासन के अभ्यास से जुड़ी खास टिप्स
अगर आप पहली बार इस योगासन का अभ्यास करने जा रहे हैं तो सबसे पहले इसकी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझ लें और इसके बाद ही इसका अभ्यास करें। संभव हो सके तो किसी योग शिक्षक की निगरानी में इसका अभ्यास करें। इसके अतिरिक्त, इस योगासन की शुरुआत में संतुलन बनाना मुश्किल हो सकता है, इसलिए किसी भी तरह की जल्दबाजी करने की गलती न करें और धीरे-धीरे इसका अभ्यास करें।