विश्व रेडियो दिवस: 13 फरवरी को क्यों मनाया जाता है यह दिन, जानिए थीम और इतिहास
क्या है खबर?
हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है।
इसका उद्देश्य रेडियो के योगदान के महत्व को बताना है क्योंकि डिजिटल प्रौद्योगिकियों के उदय के कारण रेडियो को कम राजस्व, तकनीकी व्यवधान और सेंसरशिप जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
हालांकि, यह अब तक उन लोगों के लिए एक आवश्यक उपकरण बना हुआ है, जिनके पास इंटरनेट तक पहुंच नहीं है।
आइए आज विश्व रेडियो दिवस का इतिहास, थीम और अन्य महत्वपूर्ण बातें बताते हैं।
इतिहास
हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाने का कारण
13 फरवरी, 2011 को यूनेस्को द्वारा की गई एक परामर्श प्रक्रिया के आधार पर सामान्य सम्मेलन में विश्व रेडियो दिवस बनाने की सिफारिश की गई थी।
इसके बाद यूनेस्को के तत्कालीन महानिदेशक ने 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस के रूप में घोषित किया।
इसे पहली बार 13 फरवरी, 2013 को संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा एक अंतरराष्ट्रीय कार्यक्रम के रूप में अपनाया गया था। तब से लेकर आज तक हर साल 13 फरवरी को विश्व रेडियो दिवस मनाया जाता है।
महत्व
विश्व रेडियो दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?
कई लोगों को लगता है कि अब रेडियो किसी काम का नहीं है, लेकिन यह आज भी कई जगहों पर संचार के लिए एक आवश्यक उपकरण है।
संयुक्त राष्ट्र (UN) के मुताबिक, विश्व रेडियो दिवस का उद्देश्य रेडियो के महत्व के बारे में जनता के बीच अधिक जागरूकता बढ़ाना है।
इस दिन का उद्देश्य रेडियो स्टेशनों और प्रसारकों के बीच नेटवर्किंग और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना भी है।
तरीके
कैसे मनाया जाता है यह दिन?
विश्व रेडियो दिवस को मनाने के लिए हर साल संयुक्त राष्ट्र एक थीम निर्धारित करता है।
उस थीम के मुताबिक ही दुनियाभर में अलग-अलग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।
इस मौके पर स्कूल, कॉलेज और रेडियो कार्यालय में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
इसके अलावा हर साल रेडियो के विकास के लिए अच्छा काम करने वाले रेडियो स्टेशनों को पुरस्कारों से सम्मानित भी किया जाता है।
थीम
इस साल विश्व रेडियो दिवस की थीम
इस साल विश्व रेडियो दिवस की थीम 'रेडियो: सूचना देने, मनोरंजन करने और शिक्षित करने की एक सदी' है।
यह थीम रेडियो के इतिहास, समाचार, संगीत और खेल पर इसके शक्तिशाली प्रभाव पर प्रकाश डालती है।
बता दें कि पहला रेडियो प्रसारण 1895 में गुग्लिल्मो मार्कोनी नामक व्यक्ति ने किया था, लेकिन रेडियो 1905-1906 के आसपास अस्तित्व में आया और 1950 के दशक तक रेडियो और इसकी प्रसारण प्रणाली दुनियाभर में एक आम वस्तु बन गई।