
वैश्विक टीकाकरण दरों में गिरावट के कारण लाखों बच्चों पर मंडरा रहा है खतरा- अध्ययन
क्या है खबर?
जन्म के बाद बच्चों को टीकाकरण करवाना बहुत जरूरी है क्योंकि इससे वे कई गंभीर रोगों से सुरक्षित रह सकते हैं। हालांकि, स्वास्थ्य संबंधी असमानताओं और गलत सूचना या भ्रम के कारण टीकाकरण दरों में गिरावट आई है, जिससे बच्चों का स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है। एक नए अध्ययन से पता चला है कि वैश्विक टीकाकरण दरों में गिरावट के कारण लाखों बच्चों पर गंभीर बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है। आइए इस अध्ययन के बारे में विस्तार से जानें।
अध्ययन
अध्ययन के लिए 1,000 से अधिक डाटा स्त्रोतों का किया गया इस्तेमाल
लैंसेट जर्नल में प्रकाशित यह अध्ययन बच्चों के टीकाकरण पर आधारित 1,000 से अधिक डाटा स्त्रोतों का इस्तेमाल करके 204 देशों और क्षेत्रों मे साल 1980 से साल 2023 तक वार्षिक नियमित बचपन टीकाकरण कवरेज के वैश्विक, क्षेत्रीय और राष्ट्रीय अनुमान प्रदान करता है। इससे पता चला है कि पिछले 50 वर्षों में दुनियाभर में टीकाकरण सहित शून्य खुराक वाले बच्चों की संख्या में 75 प्रतिशत की गिरावट आई है।
गिरावट
कई देशों में बच्चों की टीकाकरण दरों में गिरावट
शोधकर्ताओं ने बताया कि साल 2010 के बाद से कई देशों में बच्चों के टीकाकरण की प्रगति रूक गई है। उन्होंने आगे कहा, "204 देशों में से 100 में खसरे के टीकाकरण की दर में गिरावट आई है, जबकि डिप्थीरिया, टेटनस, काली खांसी और पोलियो के खिलाफ कम से कम एक खुराक के लिए कवरेज 36 उच्च आय वाले देशों में से 21 में कम हो गया है, जिसमें फ्रांस, इटली, जापान, यूनाइटेड किंगडम (UK) और अमेरिका शामिल हैं।"
बयान
कई रोगों और मृत्यु के प्रति संवेदनशील हो गए हैं बच्चे- लेखक
सिएटल स्थित वाशिंगटन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में किए गए अध्ययन के लेखकों ने कहा कि COVID-19 के कारण उत्पन्न व्यवधान के कारण यह स्थिति और भी गंभीर हो गई है, जिससे लाखों बच्चे रोके जा सकने वाले रोगों और मृत्यु के प्रति संवेदनशील हो गए हैं। अध्ययन के वरिष्ठ लेखक डॉक्टर जोनाथन मोसर ने बताया, "पिछले 50 वर्षों में कई प्रयासों के बावजूद बड़ी संख्या में बच्चे कम या बिना टीकाकरण के रह जाते हैं।"
सलाह
इस चिंता पर तुरंत कार्रवाई की है जरूरत- शोधकर्ता
शोधकर्ताओं ने कहा कि इस अध्ययन के निष्कर्षों को एक स्पष्ट चेतावनी के रूप में लिया जाना चाहिए कि साल 2030 तक के वैश्विक टीकाकरण का लक्ष्य तब तक पूरा नहीं हो पाएगा जब तक कि स्थिति को बदलने के लिए तुरंत कार्रवाई नहीं की जाती। उन्होंने आगे कहा कि टीकाकरण बाल स्वास्थ्य की रक्षा के लिए हमारे सबसे शक्तिशाली उपकरणों में से एक है, लेकिन इसकी निरंतर सफलता निरंतर निवेश, सामनता और सार्वजनिक विश्वास पर निर्भर करती है।