
आंखों की देखभाल कर सकते हैं ये 5 योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
क्या है खबर?
शरीर के अन्य अंगों की तरह आंखों की देखभाल भी बहुत जरूरी है।
अगर आप आंखों का ठीक से ध्यान नहीं रखते हैं तो आपको आंखों से जुड़ी कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के बारे में बताते हैं, जिनका रोजाना अभ्यास करने से आंखों की रोशनी बेहतर हो सकती है और आप आंखों से जुड़ी समस्याओं से भी बच सकते हैं।
#1
वज्रासन
सबसे पहले जमीन पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इस मुद्रा में दोनों पैरों के अंगूठे एक-दूसरे से मिले होते हैं, जबकि एड़ियां एक एड़ी के ऊपर दूसरी एड़ी रखी होती हैं।
अब दोनों हाथों को सीधा सामने की ओर जमीन पर रखें। इस दौरान पीठ एकदम सीधी रखें। इसके बाद आंखें बंद करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
कुछ देर इसी मुद्रा में बैठने के बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ दें।
#2
बालासन
सबसे पहले वज्रासन की मुद्रा में बैठें और गहरी सांस लेते हुए हाथों को ऊपर उठाएं।
अब सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे आगे की ओर झुककर माथे को जमीन से सटाएं। इस अवस्था में दोनों हाथ सामने, माथा जमीन से टिका हुआ और छाती जांघों पर रहेगी।
कुछ सेकंड इसी अवस्था में रहकर सामान्य रूप से सांस लेते रहें। इसके बाद सांस लेते हुए धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#3
त्रिकोणासन
सबसे पहले जमीन पर पैरों को एक-दूसरे से दूर फैलाकर खड़े हो जाएं।
इसके बाद दाएं पैर को 90 डिग्री तक घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं हाथ को दाएं पैर के साथ-साथ नीचे तक ले जाएं।
इस मुद्रा में बाएं हाथ को ऊपर की ओर सीधा रखें और गर्दन को बाएं हाथ की ओर घुमाएं। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#4
अधोमुख श्वानासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की मुद्रा में बैठें।
अब सामने की तरफ झुकते हुए हाथों को जमीन पर रखें और गहरी सांस लेते हुए कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
इस अवस्था में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर होना चाहिए और शरीर का आकार 'V' जैसा नजर आना चाहिए। कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#5
हलासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेटकर दोनों हाथों को शरीर से सटाकर जमीन पर रखें।
अब सांस लेते हुए पैरों को 90 डिग्री तक ऊपर उठाएं और सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे पीछे की ओर ले जाएं। इस दौरान हाथों को जमीन पर सीधा रखने का प्रयास करें।
इसके बाद सांस लेते हुए हल्के-हल्के हाथों को जमीन से उठाएं और सांस छोड़ते हुए वापस पीठ के बल लेट जाएं।
सावधानियां
इन योगासनों का अभ्यास करते समय बरतें ये सावधानियां
अगर आपको रीढ़ की हड्डी से जुड़ी कोई समस्या है तो इन योगासनों का अभ्यास न करें।
इसके अतिरिक्त गर्भवती महिलाओं को भी इन योगासनों का अभ्यास करने से बचना चाहिए। अगर आपको उच्च रक्तचाप, माइग्रेन, हृदय रोग, अस्थमा, पाचन संबंधी समस्याएं या पेट की सर्जरी हुई है तो भी इन योगासनों का अभ्यास न करें।
इसके अलावा अगर आपको आंखों से जुड़ी कोई समस्या है तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही इन योगासनों का अभ्यास करें।