
भारत के अनोखे गांव, जिनकी खासियत जानकर रह जाएंगे हैरान
क्या है खबर?
भारत का ग्रामीण जीवन अपने आप में एक अनोखा अनुभव है। यहां की संस्कृति, परंपराएं और जीवनशैली शहरों से बिल्कुल अलग हैं।
जब हम पर्यटन की बात करते हैं तो अक्सर बड़े शहरों और प्रसिद्ध स्थलों का ही जिक्र होता है, लेकिन भारत के गांवों में भी कई ऐसे रहस्य छुपे हैं, जो पर्यटकों को अपनी ओर खींचते हैं।
आइए कुछ ऐसे ही गांवों के बारे में जानते हैं, जहां का अनुभव आपके दिल को छू जाएगा।
#1
कुम्भलगढ़ (राजस्थान)
राजस्थान के कुम्भलगढ़ गांव में स्थित यह किला विश्व धरोहर स्थल है।
इसे महाराणा कुम्भा ने बनवाया था और यह अपनी विशाल दीवारों के लिए प्रसिद्ध है, जिन्हें 'ग्रेट वॉल ऑफ इंडिया' भी कहा जाता है।
इस किले की दीवारें इतनी चौड़ी हैं कि इन पर आठ घोड़े एक साथ दौड़ सकते हैं। यहां से सूर्यास्त का दृश्य बेहद मनमोहक होता है, जो पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है।
#2
मावलिननोंग (मेघालय)
मेघालय में स्थित मावलिननोंग गांव को एशिया का सबसे स्वच्छ गांव माना जाता है।
यहां की साफ-सफाई और हरियाली देखकर कोई भी प्रभावित हुए बिना नहीं रह सकता है। इस गांव के लोग सफाई को बहुत अहमियत देते हैं और हर घर में बांस से बने कचरे के डिब्बे होते हैं।
यहां आने वाले पर्यटक स्थानीय लोगों की मेहनत और अनुशासन देखकर प्रेरित होते हैं।
#3
खोनोमा (नागालैंड)
नागालैंड के खोनोमा गांव को भारत का पहला ग्रीन विलेज कहा जाता है। यह गांव अपने प्राकृतिक सौंदर्य और जैव विविधता संरक्षण के प्रयासों के लिए प्रसिद्ध है।
यहां के लोग जंगल संरक्षण और जैविक खेती पर जोर देते हैं, जिससे पर्यावरण का संतुलन बना रहता है।
खोनोमा आने वाले सैलानी यहां की हरियाली और शांत वातावरण से प्रभावित होते हैं और स्थानीय लोगों की पर्यावरण के प्रति जागरूकता देखकर प्रेरित होते हैं।
#4
शनि शिंगणापुर (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र के शनि शिंगणापुर गांव की खासियत यह है कि यहां घरों में दरवाजे नहीं होते, फिर भी चोरी जैसी घटनाएं नहीं होती हैं।
यह गांव भगवान शनिदेव को समर्पित है और यहां के लोग मानते हैं कि शनिदेव उनकी रक्षा करते हैं। इस विश्वास के कारण ही लोग दरवाजों की जरूरत नहीं समझते।
यहां का धार्मिक माहौल और लोगों का विश्वास पर्यटकों को आकर्षित करता है।
#5
मलाणा (हिमाचल प्रदेश)
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में स्थित मलाणा एक ऐसा प्राचीन गांव माना जाता है, जहां आज भी पारंपरिक लोकतांत्रिक प्रणाली चलती आ रही है, जिसे 'जमु लामा' कहते हैं।
इस गांव की अपनी अलग भाषा, संस्कृति और रीति-रिवाज होने कारण इसे 'छोटा यूनान' भी कहा जाता है।
मलाणा आने वाले सैलानी यहां की अनूठी संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता देखकर चकित हो जाते हैं।